Himachal Political Crisis: CM तो बनाया नहीं! लेकिन जब भी संकट आता है तो कांग्रेस हमेशा डीके शिवकुमार को ही क्‍यों बुलाती है?
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Himachal Political Crisis: CM तो बनाया नहीं! लेकिन जब भी संकट आता है तो कांग्रेस हमेशा डीके शिवकुमार को ही क्‍यों बुलाती है?

DK Shivakumar: राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार के बाद हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार संकट में घिरी है. कांग्रेस ने अपने 'चाणक्य' कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल प्रदेश भेजा है.

Himachal Political Crisis: CM तो बनाया नहीं! लेकिन जब भी संकट आता है तो कांग्रेस हमेशा डीके शिवकुमार को ही क्‍यों बुलाती है?

Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायकों की क्रॉस वोटिंग से अभिषेक मनु सिंघवी की हार और भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन की जीत के बाद से सियासत गर्म है. हिमाचल विधानसभा में बुधवार को हुए हंगामे के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गईं. कांग्रेस ने इस सियासी संकट से निबटने के लिए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ऑब्जर्वर बनाकर हिमाचल भेजा है.

कांग्रेस हमारी वजह से नहीं, अपनी वजह से संकट में है- जयराम ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की मुलाकात, कांग्रेस के 6 बागी विधायाकों के पंचकूला से लौटने और मंत्री विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की सरकार सांसत में है. जयराम ठाकुर ने कहा, 'राज्यसभा चुनाव में जो परिणाम आया और जो मौजूदा स्थिति है उसे देखें तो कांग्रेस को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है. कांग्रेस हमारी वजह से नहीं, अपनी वजह से संकट में है.'

हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस ने हमेशा की तरह डी के शिवकुमार को बुलाया

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार को संकट से उबारने के लिए कांग्रेस ने हमेशा की तरह एक बार फिर डी के शिवकुमार को बुलाया है. अब कांग्रेस के 'चाणक्य' कहे जाने वाले डी के शिवकुमार ने कई बार पार्टी के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाई है, लेकिन कर्नाटक में मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने का मलाल भी बना हुआ है. आइए, जानते हैं कि सीएम नहीं बनाए जाने के बावजूद जब भी संकट आता है तो कांग्रेस हमेशा डी के शिवकुमार को ही क्‍यों बुलाती है?

जब भी संकट आता है तो डी के शिवकुमार को ही क्‍यों बुलाती है कांग्रेस?

दक्षिण में कांग्रेस की दो राज्यों कर्नाटक और तेलंगाना में सरकार बनवाने में डी के शिवकुमार की रणनीति की बड़ी भूमिका मानी जाती है. कर्नाटक में मुख्यमंत्री के बदले डिप्टी सीएम पद से संतोष कर तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनाने में जुटने वाले डी के शिवकुमार का कद लगातार बढ़ रहा है. राहुल गांधी की दक्षिण से उत्तर की भारत जोड़ो यात्रा में शिवकुमार की बड़ी भूमिका बताई जाती है. इसके बाद वह कांग्रेस आलाकमान के काफी करीब माने जाते हैं.

कर्नाटक में दो बार बनवाई कांग्रेस सरकार, गांधी परिवार और खड़गे के करीबी 

गांधी परिवार के अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भरोसेमंद डी के शिवकुमार ने रिजॉर्ट पॉलिटिक्स में भी अपना जलवा दिखाया हुआ है. खड़गे के कर्नाटक से ही होने की वजह से भी उनका पुराना साथ और लंबा अनुभव है. कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में जीत तय करने से पहले 2018 के चुनाव में डी के शिवकुमार ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन बनाने और उसकी जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई थी. 

राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल को जिताकर पाया था सोनिया गांधी का भरोसा

गुजरात में राज्यसभा चुनाव के दौरान अहमद पटेल की जीत का मामला फंस जाने पर डी के शिवकुमार ने उनकी लगभग हार को जीत में बदलने में काफी मेहनत की थी. सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव रहे कांग्रेसी दिग्गज अहमद पटेल की वजह से सोनिया गांधी ने भी डी के शिवकुमार पर भरोसा जताया था. इसका असर राज्यसभा चुनाव 2024 में दिखा जब क्रॉस वोटिंग को लेकर कर्नाटक में उल्टी गंगा बहती दिखी. वहां बेंगलुरु की यशवंतपुर सीट से भाजपा विधायक एसटी सोमशेखर ने कांग्रेस उम्मीदवार जीसी चंद्रशेखर के लिए अपना वोट डाला.

हिमाचल प्रदेश के सियासी संकट पर क्या बोले कांग्रेस के ऑब्जर्वर डी के शिवकुमार

हिमाचल के सियासी संकट पर कांग्रेस के ऑब्जर्वर डी के शिवकुमार ने कहा, 'कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों के मुताबिक मैं हिमाचल प्रदेश पहुंच रहा हूं. इसके अलावा किसी भी अफवाह में शामिल होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि मुझे विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी के विधायक पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे और जो जनादेश उन्हें दिया गया है, उसका पालन करेंगे. हालांकि, जिस बात पर सवाल उठाया जाना चाहिए और चिंता करनी चाहिए वह बात यह है कि सत्ता हासिल करने के मामले में भाजपा किस हद तक जा रही है. इस पूरी प्रक्रिया में भाजपा जानबूझकर लोकतंत्र और जनादेश को कुचलने का सार्वजनिक प्रयास कर रही है.

सबसे अमीर नेताओं में एक हैं कांग्रेस के संकटमोचक, करप्शन केस में हो चुकी है गिरफ्तारी

डी के शिवकुमार सियासत के मंझे हुए खिलाड़ी हैं. सात बार के विधायक डी के शिवकुमार कर्नाटक में पहले भी मंत्री पद संभाल चुके हैं. डीके शिवकुमार को कांग्रेस का संकटमोचक माना जाता है. जब भी कांग्रेस फंसती है तब डी के शिवकुमार मुसीबत से बाहर निकालते हैं. डी के शिवकुमार देश के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं. साल 2023 में उन्होंने 1,413.78 करोड़ रुपये की अपनी संपत्ति घोषित की थी. साल 2018 के चुनाव में उन्होंने 840 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति की घोषणा की थी. यह 2013 के चुनावों में घोषित संपत्ति से लगभग 590 करोड़ रुपये ज्यादा थी.

बेंगलुरु समेत कई शहरों में कई रिसॉर्ट के मालिक डी के शिवकुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं. साल 2019 में डी के शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार भी किया था. कांग्रेस की दुखती नस नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी डी के शिवकुमार और उनके सांसद भाई डी के सुरेश का बयान दर्ज किया जा चुका है.

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