Glenn Maxwell: मैक्सवेल की यह पारी बहुत लंबे समय तक याद की जाएगी. 21 चौके 10 छक्के 128 गेंद 201 रन. ग्लेन मैक्सवेल की पारी का यह कुल हिसाब नहीं है. यह पारी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की एक परिभाषा भी है कि आखिरकार वह क्यों ऑस्ट्रेलियाई टीम है. उसे यूं ही निपटा देना आसान नहीं है.
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Cricket वर्ल्ड कप 2023, मैच नंबर 39, मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम, ऑस्ट्रेलिया बनाम अफगानिस्तान का मैच. पांच बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के सामने अफगानिस्तान ने टॉस जीतकर खेलते हुए 292 का लक्ष्य रखा तो शायद क्रिकेट पंडित यह नहीं अंदाजा लगा पा रहे थे कि दूसरी पारी में क्या होने वाला है. क्योंकि अफगानिस्तान जबरदस्त फॉर्म में है और वो इस वर्ल्ड कप में आउट ऑफ द बॉक्स जाकर अपना गेम दिखा रही है. हुआ भी वही और ऑस्ट्रेलिया के 7 विकट महज 91 रन पर गिर गए. इसके बाद तो अफगानिस्तान का डग आउट लगभग डांस के मूड में आ चुका था. स्टेडियम में मानो ऐसा लग रहा था कि हर दर्शक अफगानिस्तान के लिए ही आया है. 7 विकेट गिरने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस जब खेलने आए तो शायद वे भी उम्मीद हार चुके थे क्योंकि अभी भी जीतने के लिए 200 से ज्यादा रन चाहिए थे. लेकिन दूसरे छोर पर जो बल्लेबाज खड़ा था उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. इसके बाद यानि कि 19वें ओवर से लेकर 47वें ओवर की पांचवीं गेंद तक जो कुछ हुआ वह अब इतिहास बन गया.
21 चौके 10 छक्के 128 गेंद 201 रन, सिर्फ इतना ही नहीं
इस समय तक ऑस्ट्रेलिया जीत चुकी थी. विकेट के कॉलम में 7 का आंकड़ा अटका रह गया. ऑस्ट्रेलिया 91 से 293 पहुंच गई. और इस रन में अकेले मैक्सवेल ने 201 रन बना दिए. अब अगर क्रिकेट पंडित ये कहें कि यह वर्ल्ड कप ही नहीं वनडे इतिहास की सबसे महान पारी है तो शायद कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. पहली बार कोई दोहरा शतक दूसरी पारी में चेज करते हुए आया है. और वह भी इस तरह कि जिसकी उम्मीद नहीं थी. सच तो यही है कि ग्लेन मैक्सवेल ने वो कर दिखाया है जो क्रिकेट इतिहास में कोई नहीं कर पाया है. 21 चौके 10 छक्के 128 गेंद 201 रन. ग्लेन मैक्सवेल की पारी का यह कुल हिसाब नहीं है. क्योंकि वे मांसपेशियों में खिंचाव के चलते चीख भी रहे थे. पारी के बीच में एक ऐसा भी समय आया जब लगा कि उन्हें रिटायर्ड होना पड़ेगा, लेकिन वे डटे रहे और क्या खूब डटे रहे.
वनडे इतिहास की सबसे महान पारी?
मैक्सवेल ने जब 150 का आंकड़ा पार किया तो कमेंट्री करने वाले दिग्गजों को यह कहना पड़ गया कि यह पारी अब महान पारी की तरफ बढ़ रही है. शायद कई लोग ऐसे भी होंगे जिनको कपिल देव की 1983 वर्ल्ड कप में 175 रन की पारी भी याद आई होगी, कई ऐसे भी होंगे जिनको सचिन तेंदुलकर की 2003 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ 97 रन की पारी याद आई होगी, हर्शल गिब्स की 2006 में ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ 434 चेज करते हुए 175 रन की पारी याद आई होगी, सईद अनवर की 194 वाली पारी याद आई होगी, विव रिचर्ड्स की 189 रन की पारी याद आई होगी. वहीं कुछ ऐसे भी होंगे जो सचिन, सहवाग, गुप्टिल और रोहित शर्मा के दोहरे शतक याद कर रहे होंगे. लेकिन ग्लेन मैक्सवेल की यह पारी शायद इसलिए भारी पड़ेगी क्योंकि उन्होंने दूसरी पारी में खेलते हुए, 7 विकट गिरने के बाद असंभव लक्ष्य चेज करते हुए, ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट तासीर को बचाए रखते हुए 201 एक रन ठोंक डाले.
मैक्सवेल तलवार तो पैट कमिंस ढाल
शतक लगाने के बाद इस पारी में मैक्सवेल जब जब बाउंड्री लगा रहे थे, दूसरे छोर पर खड़े पैट कमिंस को इस पारी का अंदाजा धीरे-धीरे लगने लगा था. यही कारण है कि मैक्सवेल की इस पारी में पैट कमिंस का योगदान भी याद रखा जाना चाहिए. उन्होंने 68 गेंदों पर भले ही सिर्फ 12 रन ही बनाए हों लेकिन वह यह सुनिश्चित कर रहे थे कि मैक्सवेल सही समय पर स्ट्राइक पर खड़े मिलें. यहां तक कि एक ओवर उन्होंने मेडन इसलिए झेल लिया ताकि मैक्सवेल जो मांसपेशियों के दर्द से कराह रहे थे उन्हें आराम मिल जाए. हुआ भी यही.
'ऐसी पारी नहीं देखी'
फिलहाल दुनिया भर से मैक्सवेल के लिए सलाम आ रहा है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने सोशल मीडिया पर ऑलरेडी बता दिया है कि यह वनडे इतिहास की सबसे महान पारी गिनी जाएगी. भारत के पूर्व दिग्गज वीवीएस लक्ष्मण ने भी कमोबेश यही बात कही है. स्विंग के सुल्तान वसीम अकरम ने भी इसे ग्रेटेस्ट करार दिया है. टर्बनेटर हरभजन सिंह ने लिखा कि उन्होंने इससे पहले ऐसी पारी नहीं देखी है. दुनियाभर में अपनी आवाज की जादू से लोगों को दीवाना बनाने वाले कमेंट्रेटर हर्षा भोगले भी खुद को रोक नहीं पाए और लिखा कि मैक्सवेल ने इतिहास में खुद को दर्ज कर लिया है.
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की परिभाषा भी
मैक्सवेल की यह पारी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की एक परिभाषा भी प्रदर्शित करती है कि आखिरकार वह क्यों ऑस्ट्रेलियाई टीम है. इस वर्ल्ड कप में भले ही वह दो मैच हार चुकी है लेकिन उसे यूं ही निपटा देना आसान नहीं है. उसने अफगानिस्तान के सपनों को धुल-धूसरित कर दिया है और इसके पीछे अगर कोई है तो ग्लेन मैक्सवेल की पारी है.