PM Modi Russia Visit: 10 साल में 16 बार पुतिन से मिले, 5 साल गैप के बाद छठी बार रूस जा रहे पीएम मोदी, क्यों खास है विजिट?
Advertisement
trendingNow12325906

PM Modi Russia Visit: 10 साल में 16 बार पुतिन से मिले, 5 साल गैप के बाद छठी बार रूस जा रहे पीएम मोदी, क्यों खास है विजिट?

PM Modi-Putin Talks: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के न्योते पर 22 वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  8 और 9 जुलाई को मास्को में रहेंगे. इस दौरान पीएम मोदी और पुतिन द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे.

PM Modi Russia Visit: 10 साल में 16 बार पुतिन से मिले, 5 साल गैप के बाद छठी बार रूस जा रहे पीएम मोदी, क्यों खास है विजिट?

India Russia Friendship: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 और 9 जुलाई को रूस में रहेंगे. सोमवार 8 जुलाई को वह दोपहर मॉस्को पहुंच जाएंगे. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई के बाद से पीएम मोदी पहली बार रूस की यात्रा करने वाले हैं. पीएम मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह रूस की उनकी पहली यात्रा है. 

10 साल में पुतिन से 16 बार मिले, रूस की छठी यात्रा

हालांकि, अपने बीते 10 साल के कार्यकाल में पीएम मोदी 16 बार रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात कर चुके हैं. वहीं, इन दो दशकों में 5 साल के अंतर के बाद यह रूस की उनकी छठी यात्रा है. भारत-रूस के बीच काफी पुरानी और गहरी दोस्ती को देखते हुए अमेरिका, चीन और पकिस्तान समेत दुनिया के तमाम देशों की नजर पीएम मोदी की इस आधिकारिक यात्रा पर है.

रूस, यूक्रेन और अमेरिका तीनों से दोस्ती निभा रहे पीएम मोदी

मौजूदा वर्ल्ड ऑर्डर में पीएम मोदी एकमात्र ऐसे वैश्विक नेता हैं जो एक साथ रूस, यूक्रेन और अमेरिका तीनों से गहरी दोस्ती निभा रहे हैं. रूस-यूक्रेन जंग के बीच पीएम मोदी ने विदेश नीति में बहुत सावधानी से बैलेंस बनाकर रखा है. भारत ने दोनों देशों के नेताओं से फोन पर बात की और शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत को सबसे प्रमुख रास्ता बताया. साथ ही सैन्य कार्रवाई के लिए खुलकर रूस की निंदा भी नहीं की है. रूस से बाकी संबंधों के साथ ही तेल का आयात भी जारी रखा. 

77 साल से भी ज्यादा पुराने हैं भारत-रूस के राजनयिक संबंध

भारत और रूस के बीच 77 साल भी पुराने राजनयिक संबंध हैं. एक तरह से कहें तो रूस आजाद भारत का सबसे पुराना रणनीतिक साझेदार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे और ज्यादा ऊंचाई दी है. उनकी रूस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में और ज्यादा मजबूती आने की बात कही जा रही है. हालांकि, पीएम मोदी के दौरे से पहले देश में विपक्ष मे सियासत भी शुरू कर दी है. शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि हिंदुस्तान और रूस का संबंध मोदी जी की वजह से नहीं बल्कि पंडित नेहरू और इंदिरा जी की पॉलिसी से हुआ है.

साल 1971 से भारत और रूस के बीच दोस्ती में मील के कई पत्थर

विदेश मंत्रालय के तथ्यों के मुताबिक, भारत और रूस के बीच साल 1971 में शांति, मित्रता और सहयोग संधि हुई थी. 1993 में मैत्री और सहयोग संधि हुई. साल 2000 में दोनों देशों के बीच रणनीतिक संधि की घोषणा हुई. साल 2010 में यह विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी में बदल गई. साल 2022 में रूस-यूक्रेन जंग के बाद दुनिया दो ध्रुव में बंटता दिखाई दिया, लेकिन भारत और रूस की नजदीकी बरकरार रही. पीएम मोदी की रूस यात्रा को लेकर प्रवासी भारतीय समुदाय काफी उत्साहित है.

सितंबर 2022 में समरकंद में हुई थी पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात

भारत और रूस के बीच पिछला शिखर सम्मेलन दिसंबर 2021 में आयोजित किया गया था. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली आए थे. हालांकि, वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन तीन वर्षों बाद हो पा रहा है, लेकिन इस बीच पीएम मोदी और पुतिन की कई मुलाकातें और फोन पर बातचीत हो चुकी है. पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की पिछली मुलाकात सितंबर 2022 में समरकंद में एससीओ सम्मेलन के दौरान हुई थी. जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी के रूस दौरे का मकसद, मॉस्को और बीजिंग के बीच बढ़ती नजदीकी के बीच भारत-रूस रिश्ते की अहमियत को दिखाकर पश्चिमी देशों के साथ शक्ति संतुलन की कोशिश करना है.

साल 2019 में रूस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किए गए थे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली रूस यात्रा 2019 में हुई थी. तब व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फ़ोरम में हिस्सा लेने के दौरान पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च सम्मान ‘आर्डर ऑफ द एपोस्टल एंड्रयू द फर्स्ट’ से सम्मानित किया गया था. भारत और रूस के बीच पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 65 अरब डॉलर की रिकार्ड ऊंचे स्तर तक पहुंच गया है. भारत और रूस के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई क्षेत्रों में सहयोग जारी हैं. इनमें अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी), चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर, अंटार्कटिक क्षेत्र में रिसर्च में सहयोग, कुंडानकुलम एनपीपी, अंतरिक्ष में सहयोग प्रमुख क्षेत्र हैं.

रक्षा और सामरिक उत्पादों के मामले में भारत का भरोसेमंद सहयोगी है रूस

इन क्षेत्रों के अलावा भारत और रूस रक्षा और सामरिक उत्पादों के मामले में काफी भरोसेमंद सहयोगी हैं. रूस की मदद से भारत में टी-90 टैंक और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान का लाइसेंस के जरिये उत्पादन हो रहा है. वहीं, रूस से एस-400 सिस्टम, कामोव हेलीकॉप्टर, आईएनएस विक्रमादित्य और मिग विमान वगैरह रक्षा सामग्री भारत में सप्लाई किए जाते हैं. भारत और रूस संयुक्त उपक्रम के जरिये भारत में ए. के. 203 राइफलों और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी उत्पादन कर रहे हैं. दोनों देशों के रक्षा संबंधों की यह सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है.

सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग का गठन

रूस के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों की सबसे बड़ी सफलता समझौते और सौदे से बढ़कर संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, सह विकास और संयुक्त उत्पादन तक पहुंच चुके हैं. सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग बना हुआ है. दोनों देशों के रक्षा मंत्री इसकी अध्यक्षता करते हैं. पीएम मोदी की प्रस्तावित यात्रा के दौरान भारत और रूस के बीच फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट Su-57 का भी करार हो सकता है. फिलहाल दुनिया में अमेरिका, रूस और चीन के पास ही यह लड़ाकू विमान हैं. इस लिस्ट में चौथा नाम भारत का होने वाला है. अगर ऐसा हुआ तो ये क्रांतिकारी कदम होगा. 

ये भी पढ़ें - Rahul Gandhi: लोको पायलटों का मुद्दा संसद में उठाएगा विपक्षी गठबंधन, मुलाकात पर विवाद के बाद राहुल गांधी का नया दांव

दो दिवसीय रूस यात्रा में पीएम मोदी का पूरा कार्यक्रम, विदेश मंत्रालय ने बताया

भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई की दोपहर मास्को पहुंचेंगे. वहां, राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी के लिए एक निजी डिनर की मेजबानी करेंगे. अगले दिन, पीएम मोदी रूस में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी क्रेमलिन में अज्ञात सैनिक के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. फिर मास्को में प्रदर्शनी देखेंगे. इसके बाद पीएम मोदी और पुतिन के बीच एक सीमित स्तर की बातचीत होगी. अंत में प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी.

ये भी पढ़ें - Chandrababu-Revanth: चंद्रबाबू के साथ रेवंत रेड्डी की गलबहियां... यह फोटो देख बीजेपी के सीने पर लोट जाएगा सांप!

Trending news