Explainer: पलायन का दरवाजा, शरणार्थियों की छत... Rafah को नेस्तनाबूद करने पर क्यों तुला हुआ है इजरायल?
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Explainer: पलायन का दरवाजा, शरणार्थियों की छत... Rafah को नेस्तनाबूद करने पर क्यों तुला हुआ है इजरायल?

Why All Eyes on Rafah: इन दिनों पूरी दुनिया में राफा की चर्चा हो रही है. गाजा पट्टी के दक्षिण में बसे इस छोटे से शहर पर इजरायल लगातार बमों और मिसाइलों की बारिश कर रहा है. लेकिन वह उसे तबाह करने पर क्यों तुला है.

 

Explainer: पलायन का दरवाजा, शरणार्थियों की छत... Rafah को नेस्तनाबूद करने पर क्यों तुला हुआ है इजरायल?

Israel Hamas War Update: पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर #AllEyesOnRafah खूब ट्रेंड कर रहा है. इस ट्रेंड का अर्थ है कि सभी की नजरें राफा पर हैं. बॉलीवुड के एक्टर्स भी इस ट्रेंड में पीछे नहीं हैं. फिलीस्तीनियों के साथ हमदर्दी जताते हुए अब तक दीया मिर्जा, प्रियंका चोपड़ा, वरुण धवन, सोनाक्षी सिन्हा, सामंथा रुथ प्रभु, आलिया भट्टा और करीना कपूर समेत कई एक्टर-एक्ट्रेस सोशल मीडिया पर पोस्ट कर चुके हैं. अब सवाल उठता है कि आखिर यह राफा क्या है. जिसके लिए दुनियाभर में पिछले कुछ दिनों से बवाल मचा हुआ और लोग दो धड़ों में बंटकर रह गए हैं. 

इजिप्ट से मिलता है राफा का बॉर्डर

असल में राफा फिलीस्तीन का एक छोटा सा शहर है. यह गाजा पट्टी के दक्षिण में बसा है. जिसकी सीमा इजिप्ट से मिलती है. जब इजरायल ने हमास आतंकियों को खत्म करने के लिए गाजा पट्टी के उत्तरी इलाके में अभियान छोड़ा तो वहां बसे लोगों को घर छोड़कर राफा जाने के लिए कहा गया. इसके बाद इजरायली आर्मी ने खाली पड़े उत्तरी इलाके पर धड़ाधड़ एयर स्ट्राइक और जमीनी हमले करने शुरू कर दिए. इन हमलों में जहां हमास के सैकड़ों आतंकी मारे गए. वहीं जमीन के नीचे बनी सुरंगों को भी बर्बाद कर दिया गया. 

मुस्लिम देश कर रहे इजरायल का विरोध

उत्तरी इलाके में चले अभियान के बावजूद हमास आतंकी बीच-बीच में लगातार इजरायल पर अटैक करते रहे हैं. इजरायली आर्मी का कहना है कि हमास के काफी सारे आतंकी उत्तरी इलाके से निकलकर राफा में छुप गए हैं. इसलिए राफा में अभियान चलाना जरूरी है. उसकी इस योजना का मुस्लिम और पश्चिम देश भारी विरोध कर रहे हैं और इसे फिलीस्तीनियों का नरसंहार बता रहे हैं. हालांकि इस तोतारटंत का इजरायल पर कोई असर नहीं पड़ रहा है और वह चुन-चुनकर आतंकी ठिकानों को जमींदोज कर रहा है. उसके इस अभियान में आतंकियों के साथ कई निर्दोष लोग भी मारे जा रहे हैं. जिससे गाजा युद्ध में मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. 

अब आपको राफा को इतिहास से थोड़ा बहुत रूबरू करवाते हैं. इस शहर पर 9 जनवरी 1917 को, ब्रिटिश सेना ने कब्जा कर लिया था. इसके 5 साल बाद उन्होंने राफा में जनगणना करवाई तो केवल 599 लोग रहते पाए गए, जिनमें सभी मुस्लिम थे. वर्ष 1931 में यह आबादी बढ़कर 1,423 हो गई और रहने वाले सभी लोग मुस्लिम थे. वर्ष 2017 में, राफा की आबादी बढ़कर एक लाख 71 हजार पहुंच चुकी थी. उसी राफा में अब 14 लाख फिलीस्तीनी शरण लिए हुए हैं. 

इजरायल पर 6 देशों ने कर दिया था हमला

वर्ष 1948 के फिलिस्तीन युद्ध में इजिप्ट ने इस शहर पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद वर्ष 1956 में इजरायल और मुस्लिम देशों में फिर जंग छिड़ी, जिसमें इजरायली हमले में 103 शरणार्थियों सहित 111 फिलिस्तीनी मारे गए. इस युद्ध के 11 साल बाद इजरायल पर 6 मुस्लिम देशों ने हमला कर दिया. जिसमें इजरायल ने उन सभी मुस्लिम देशों में बमबारी कर कहर मचा दिया. उस युद्ध में इजरायली सेना ने इजिप्ट से सिनाई प्रायद्वीप और राफा समेत गाजा पट्टी को अपने कब्जे में ले लिया. 

हालांकि 1982 में इजिप्ट ने इजरायल से शांति समझौता कर लिया, जिसके बाद उसे सिनाई प्रायद्वीप वापस मिल गया. वहीं राफा को इजिप्ट और गाजा में बांट दिया गया. तब से राफा शहर इसी हालात में बना हुआ है. उस शहर में कभी एक हवाई अड्डा हुआ करता था लेकिन आतंकियों की आवाजाही देखते हुए इजरायली ने बमबारी करके उसे बर्बाद कर दिया. 

अपने देश में शरण नहीं दे रहा इजिप्ट

यह शहर तीन ओर से इजरायल और एक ओर से इजिप्ट से घिरा हुआ है. इस शहर में कोई भी राहत सामग्री इजिप्ट के जरिए ही पहुंच पाती है. लेकिन गाजा में इजरायली की बमबारी के बावजूद इजिप्ट ने उन लोगों को शरण देने के लिए अपने दरवाजे नहीं खोले हैं. इन सब हालात में राफा के लोग पिसकर रह गए हैं. लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद वहां के लोगों में हमास आतंकियों के प्रति गहरी हमदर्दी है और वे उनकी करतूतों को इजरायल के खिलाफ जायज गुस्सा करार देते हैं. 

वहीं इजरायल का कहना है कि गाजा के उत्तरी इलाकों से भागकर हमास के आतंकी राफा की भीड़ में छिप गए हैं. ऐसे में जब तक उनका सफाया नहीं होता, तब तक आतंक का यह दुष्चक्र चलता ही रहेगा. उसका कहना है कि बंधकों की रिहाई होने और आतंकियों के सफाये तक वह नहीं रुकने वाला, चाहे दुनिया कितना ही उस पर दबाव डाल ले.

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