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Gold Silver Price Slashed: अमेरिकी चुनाव के नतीजे सामने आने के साथ ही सोने-चांदी की चमक फीकी पड़ने लगी है. सोना गिरने लगा है. हफ्तेभर सोने की कीमत एक हजार रुपये से अधिक की गिरावट आ चुकी है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के अनुसार 2 नवंबर को सोना जहां 78,425 रुपए पर था, जो 9 नवंबर यानी हफ्तेभर बाद 77,382 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया है. हफ्तेभर में सोने की कीमत1043 रुपए कम हो गई.
सोने-चांदी की कीमत
अमेरिकी चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से सोने की कीमत 77382 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए. वहीं चांदी की बात करें तो इसकी कीमत 2371 रुपये तक लुढ़क चुकी है. शनिवार को चांदी का भाव 91130 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गया. सोने की कीमत में आई इस गिरावट को अमेरिका में ट्रंप सरकार से जोड़कर देखा जा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप का कमबैक
कहा जाता है कि सुपरपावर अमेरिका पूरी दुनिया की इकोनॉमी की चाल तय करता है. यहीं देखने को भी मिल रहा है. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बाजार का अस्थिरता साफ तौर पर देखने को मिली. जब तक ये स्पष्ट नहीं हुआ कि अमेरिका में राष्ट्रपति की कमान किसके हाथों में आएगी सोने-चांदी के दाम बेतहाशा बढ़ते रहे. इस असमंजस की स्थिति से भारत में सोने की कीमत को 80000 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव के ऊपर पहुंचा दिया. जैसे ही साफ हो गया ति अमेरिका की सत्ता फिर से डोनाल्ड ट्रंप के हाथों में लौट रही है, सोने की कीमत में गिरावट देखने को मिल रही है. अमेरिकी चुनाव के नतीजों के बाद सोने के दाम में स्टेबिलिटी आती दिख रही है.
ट्रंप की जीत का असर
दरअसल, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से डॉलर को मजबूती मिली है. डॉलर की मजबूती सोने में नरमी का कारण बना है. बाजार जानकारों की माने तो ट्रंप की जीत से डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड को बल मिला है. जिसके चलते सोने पर दवाब बढ़ा है. वहीं अब बाजार की नजर फेडरल रिजर्व की बैठक पर है, जहां उम्मीद की जा रही है कि फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की जाएगी. ट्रंप की जीत के बाद निवेशकों ने जमकर मुनाफावसूली की, जिसका असर सोने की कीमतों पर दिखा है. वहीं ट्रंप की जीत के बाद पूंजी का प्रवाह जोखिम वाली संपत्तियों जैसे बिटकॉइन और शेयर बाजारों की ओर होने से सोने में निवेश का आकर्षण कम हुआ है. हालांकि अधिकांश जानकारों की राय है कि सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश का सबसे बड़ा विकल्प है, जिसके चलते इसकी कीमतों में बड़ी गिरावट की उम्मीद बहुत कम है. ये गिरावट अस्थाई है. मांग के साथ कीमतों में तेजी वापस लौटेगी.