बहुत फायदेमंद है देसी घी, खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही सेहत का भी रखता है ख्याल
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बहुत फायदेमंद है देसी घी, खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही सेहत का भी रखता है ख्याल

देसी घी पुराने समय से ही भारतीय व्यंजनों और आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्रमुख स्रोत रहा है. जानिए इसके फायदे.

सेहत के साथ ही सौंदर्य के लिए भी फायदेमंद है घी

नई दिल्ली: देसी घी (desi ghee benefits) पुराने समय से ही भारतीय व्यंजनों और आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्रमुख स्रोत रहा है. अपने गुणों के कारण यह हमारी सेहत को बहुत लाभ पहुंचाता है. भारत में खान-पान के मामलों में घी के फायदे को नकारा नहीं जा सकता है. जहां एक तरफ घी के तड़के मात्र से दाल और कढ़ी का स्वाद बढ़ जाता है, वहीं दूसरी तरफ यही घी कई तरह की स्वास्थ्य व सौंदर्य समस्याओं का निदान भी करता है.

  1. बेहतरीन गुणों से भरपूर घी हमारी सेहत को बहुत लाभ पहुंचाता है
  2. घी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट हमारा कई तरह के रोगों से बचाव करते हैं
  3. घी से हमारी सौंदर्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं

घी के सेवन को लेकर कई तरह की भ्रांतियां भी फैली हुई हैं, जिनकी वजह से आज की जेनरेशन कई बार इसके सेवन से बचने लगती है. जहां कुछ लोग घर में देसी घी (Desi Ghee) बनाते हैं तो वहीं कुछ लोग गाय का घी (cow ghee) फायदेमंद मानते हैं. घी में हेल्दी फैट के साथ-साथ प्रोटीन, विटामिन ए,ई और के भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. घी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट हमारा कई तरह के रोगों से बचाव करते हैं.  जानिए घी के फायदे (ghee benefits).

प्राकृतिक तत्वों से भरपूर घी
घी पूरी तरह से प्राकृतिक होता है. इसमें किसी भी प्रकार के प्रिजर्वेटिव और ट्रांस फैट नहीं होते हैं. यह वसा से भी मुक्त है. अपने नेचुरल गुणों के कारण घी लंबे समय तक ताजा रह सकता है.

पोषण से भरपूर 
घी में घुलनशील विटामिन ए, डी, ई और के की भरपूर मात्रा होती है. ये पोषक तत्व शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक माने जाते हैं. इसके अलावा घी शरीर में खाद्य पदार्थों से वसा में घुलनशील विटामिन और खनिजों के अवशोषण में सहायता करता है.

कैंसर से लड़ने वाला सीएलए
जब घी को गायों के दूध से बने मक्खन से बनाया जाता है तो इसमें संयुग्मित लिनोलिक एसिड का भंडार होता है. सीएलए को कैंसर के साथ-साथ ह्रदय रोग से लड़ने में भी मददगार पाया गया है. कुछ अध्ययनों के मुताबिक सीएलए वजन घटाने में भी मददगार होता है.

एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
आयुर्वेदिक चिकित्सा में घी का इस्तेमाल जलन और सूजन के इलाज के लिए नियमित रूप से किया जाता है. इसमें बड़ी मात्रा में ब्यूटायरेट होता है. यह एक फैटी एसिड है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली प्रतिक्रिया से जुड़ा हुआ है. यह सूजन को कम करता है. इसमें एंटी-वायरस गुण भी होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत रखते हैं.

एंटी-ऑक्सीडेंट का प्रमुख स्रोत
घी में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं. इसके साथ ही वे कोशिका और ऊतक क्षति को रोकने के लिए फ्री रेडिकल्स को भी बेअसर करते हैं. घी में विटामिन ई होता है, जो भोजन में पाए जाने वाले सबसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स में से एक है.

बेहतर मॉइस्चराइजर
घी का इस्तेमाल सिर्फ खाना बनाने के लिए ही नहीं किया जाता है. इसका इस्तेमाल मॉइस्चराइजर के तौर पर भी किया जाता है. घी की मालिश से सिर की खुश्की दूर होती है. इससे बाल भी घने और चमकदार बनते हैं.

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