बाजार में आपको पॉलिश्ड और अनपॉलिश्ड दोनों तरह की अरहर दाल (Arhar Dal) मिलेगी. कई बार दालों को केमिकल डालकर पॉलिश किया जाता है. ये केमिकल वाले रंग आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं.
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नई दिल्ली: अरहर की दाल (Arhar Dal) खाना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है. इसे पीली दाल या तुवर दाल (Tuvar Dal) के नाम से भी जाना जाता है. बाजार में आपको अरहर दाल की कई वैरायटीज मिलेंगी. वहीं अलग-अलग वैरायटीज के साथ दाल का स्वाद भी बदल जाता है.
अरहर की दाल (Pigeon Pea) आपको पैक्ड भी मिल जाएगी और बाजार से आप खुली दाल भी खरीद सकते हैं, लेकिन दाल को खरीदने से पहले एक बार ये जरूर देख लें कि कहीं इसमें मिलावट तो नहीं की गई है. मिलावटी दाल का पता कई बार स्वाद से चल जाता है. वहीं गौर से देखने पर भी आप इसकी पहचान कर सकते हैं. ये दाल सेहत को नुकसान पहुंचाती है.
अलग-अलग वैरायटी की अरहर की दाल दिखने में भी अलग सी नजर आती है. इनमें से अरहर दाल की कुछ वैरायटी जल्दी पकने वाली होती है, तो कुछ को पकने में समय लगता है.
बाजार में आपको पॉलिश्ड और अनपॉलिश्ड दोनों तरह की अरहर दाल मिलेगी. अनपॉलिश्ड दाल साबुत दाने की होती है और इसमें छिलका भी लगा होता है. पकने के बाद इसका स्वाद अलग होगा. हालांकि इसे खाने का कोई नुकसान नहीं है.
पॉलिश्ड दाल से छिलके निकाल दिए जाते हैं और ये दाल दिखने में चमकदार होती है. पॉलिश्ड दाल को आप ज्यादा दिन तक स्टोर करके रख सकते हैं.
कई बार दालों को केमिकल डालकर पॉलिश किया जाता है. ये केमिकल वाले रंग आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. दालों में दूसरे पौधे के बीजों की मिलावट भी की जाती है. अरहर दाल में इससे मिलते जुलते रंग वाले सस्ती दालों की मिलावट की जाती है. इसमें माटरा नाम की दाल की मिलावट की जाती है, जिसका वैज्ञानिक नाम लैथीरस सेटाइबस है.
कई बार अरहर दाल में खेसारी दाल मिला दी जाती है. ये दाल पीले रंग की होती है और आकार में थोड़ी चौकोर होती है. अरहर दाल के मुकाबले यह अधिक चपटी हुई होती है. अरहर और खेसारी की दाल में अंतर कर पाना मुश्किल होता है, लेकिन अगर आप आकार पर गौर करें तो इसे पहचान सकते हैं. खेसारी मिली अरहर की दाल का स्वाद खराब होता है. इससे पेट में गैस भी बनती है.
अरहर की दाल में कई बार Tetrazzini पीले रंग सिंथेटिक फूड कलर भी मिलाया जाता है. इससे कई तरह के एलर्जिक रिएक्शन और होंठ, जीभ, गले और गर्दन में सूजन की समस्या हो सकती है.
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मिलावटी दाल खाने से अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है और इससे ब्लड सर्कुलेशन में भी दिक्कत आती है.
दाल खरीदते समय इसकी चमक पर न जाएं. दाल में रंग की मिलावट है या नहीं, इसकी पहचान के लिए इसे बनाने से पहले कुछ समय के लिए भिगोकर रख दें. अगर रंग मिला होगा, तो ये छूटना शुरू हो जाएगा. इससे आप जान सकते हैं कि दाल में मिलावट है या नहीं.