रतलाम मंडल के विभिन्न स्टेशनों के स्टॉलों पर खाने की सामग्री देने के लिए पेड़ के पत्तों से बने दोनों का इस्तेमाल शुरू किया जा रहा है.
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नई दिल्ली: सिंगल प्लास्टिक यूज बंद होने के बाद से लोग पर्यावरण को लेकर जागरूक हो रहे हैं और प्लास्टिक का यूज बैन कर रहे हैं. इस पहल में सरकार से लेकर आम जनता तक सब अपना योगदान दे रहे हैं. मध्य प्रदेश के रतलाम में रेलवे ने एक अच्छी शुरुआत करते हुए खाने की चीजें को पत्तों से बने दोनों में सर्व करना शुरू कर दिया है. यहां के स्टेशन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिसकी लोग काफी तारीफ कर रहे हैं.
वेस्टर्न रेलवे और डीआरएम रतलाम ने अपने ट्विटर अकाउंट पर रेलवे स्टेशन की कुछ फोटोज शेयर की हैं. रतलाम मंडल के विभिन्न स्टेशनों के स्टॉलों पर खाने की सामग्री देने के लिए पेड़ के पत्तों से बने दोनों का इस्तेमाल शुरू किया जा रहा है.
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स्टेशन परिसर में पॉलिथीन के उपयोग को रोकने एवम हरित स्टेशन की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से रतलाम मंडल के विभिन्न स्टेशनों के स्टॉलों पर खाद्य सामग्री देने के लिए पेड़ के पत्तों का इस्तेमाल शुरू किया जा रहा है। @PMOIndia @RailMinIndia @Gmwrly @WesternRly pic.twitter.com/iVGVoThxqU
— DRM Ratlam (@RatlamDRM) 22 September 2019
अधिकारियों ने दावा किया है कि भारतीय रेलवे और पश्चिम रेलवे जोन स्तर पर इस तरह का यह पहला प्रयोग है. डीआरएम के ट्वीट करने के बाद से ही उसपर अबतक दर्जनों कमेंट आ चुके हैं. लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं.
#plasticpollution को समाप्त करने के लिए रतलाम मंडल के स्टेशनों पर पत्तों के दोनों में खाद्य सामग्री बेचना शुरू किया गया है। इस से प्लास्टिक और कागज़ के उपयोग में कमी आएगी और दोना-पत्तल से जुड़े लोगों को रोजगार में वृद्धि होगी। #SwachhBharat #PlasticWasteFree pic.twitter.com/cfdBwD0kNr
— Western Railway (@WesternRly) 23 September 2019
वैसे अगर आपको याद हो तो बचपन में आपने भी कहीं न कहीं इन दोनों पर खाना जरूर खाया होगा. गांव-देहात में अभी भी कई जगह दुकानों पर इन्हीं दोनों पर समोसा-पकौड़ी और चाट जैसी चीजें मिलती हैं. इनकी खास बात ये है कि दोनों पूरी तरह ईको-फ्रेंडली हैं. इस्तेमाल के बाद इन्हें जानवरों के लिए फेंक दें या फिर इन्हें सड़ा कर खाद भी बनाई जा सकती है. प्लास्टिक की तरह ये पर्यावरण और जानवरों के लिए हानिकारक नहीं हैं.