1962 में अस्तित्व में आई गोड्डा लोकसभा सीट से पहले सांसद कांग्रेस के प्रभुदयाल हिम्मत सिंघका थे. अब तक गोड्डा संसदीय सीट पर आठ बार भाजपा, छह बार कांग्रेस, एक-एक बार बीएलडी और झामुमो ने जीत का परचम लहराया है. इस सीट पर 2009 से लगातार भाजपा का कब्जा है. 2009, 2014 और 2019 में इस सीट से भाजपा नेता निशिकांत दुबे लगातार तीन बार सांसद चुने गए. 2024 में भी भाजपा ने उन्ही पर भरोसा जताया है. यहां पिछड़ी जातियों और मुस्लिम समाज का वर्चस्व है. लोकसभा चुनाव 2019 के मुताबिक यहां सर्वाधिक चार लाख मुस्लिम मतदाताओं की आबादी है. पिछड़ी जातियों की वजह से यहां भाजपा का अच्छा प्रदर्शन रहता है. यहां अनुसूचित जाति की आबादी करीब 11 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति की आबादी करीब 12 प्रतिशत है. इस सीट पर 15.9 लाख मतदाता हैं. झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद यहां 2004 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के फुरकान अंसारी ने जीत हासिल की थी. इस क्षेत्र में धान, गेहूं और मक्का की फसलें उगाई जाती हैं. यहां ललमटिया कोयला खदान भी है.
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