गोरखपुर मतलब गोरक्षपीठ मतलब योगी आदित्यनाथ...बहुत से लोग आज गोरखपुर को ऐसे ही जानते हैं. प्राचीन गोरखपुर में बस्ती, देवरिया, आजमगढ़ और नेपाल तराई के कुछ हिस्सों भी शामिल थे. गोरखपुर जनपद आर्य संस्कृति और सभ्यता का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है. आज के समय में यह पूर्वांचल की सबसे प्रभावशाली लोकसभा सीटों में से एक है. निर्वाचन क्षेत्रों की बात करें तो गोरखपुर जिले में दो लोकसभा सीटें हैं- गोरखपुर और बांसगांव. दोनों सीटों पर भाजपा का दबदबा है. गोरखपुर लोकसभा में कैंपियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर शहरी, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवां विधानसभाएं हैं. यह इलाका पूरी तरह से भाजपा को जिताता आ रहा है. इसकी एक बड़ी वजह गोरक्षपीठ का प्रभाव है. महंत अवैद्यनाथ की विरासत को सीएम योगी आगे बढ़ा रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां करीब 4 लाख निषाद वोटर हैं. 2-2 लाख यादव और दलित हैं. डेढ़ लाख मुस्लिम और उतने ही ब्राह्मण वोटर हैं. सवा लाख के करीब क्षत्रिय वोटर हैं. भूमिहार और वैश्य भी करीब एक लाख हैं.यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहीं से पांच बार सांसद रहे हैं.
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