ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण कितने धोखेबाज हो सकते हैं शायद ही आपको पता हो. अक्सर हम इन लक्षणों को सामान्य बीमारियों का संकेत समझकर नजरअंदाज कर देते हैं.
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ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण कितने धोखेबाज हो सकते हैं शायद ही आपको पता हो. अक्सर हम इन लक्षणों को सामान्य बीमारियों का संकेत समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि ये छोटे-छोटे लक्षण एक गंभीर बीमारी की ओर इशारा कर सकते हैं?
हमारे दिमाग की सेहत हमारे पूरे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे दिमाग के सेल्स के अनियंत्रित रूप से बढ़ने से होती है. अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है. आज हम आपको ब्रेन ट्यूमर के उन 7 शुरुआती संकेतों के बारे में बताएंगे, जिन पर अक्सर लोगों का ध्यान नहीं जाता. लेकिन इन संकेतों को पहचानना बहुत जरूरी है ताकि आप समय रहते डॉक्टर से संपर्क कर सकें और अपनी जान बचा सकें.
ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती संकेत
सिरदर्द: लगातार और तेज सिरदर्द होना ब्रेन ट्यूमर का एक प्रमुख लक्षण है. यह सिरदर्द आमतौर पर सुबह के समय अधिक होता है और उठने पर बढ़ जाता है.
मतली और उल्टी: ब्रेन ट्यूमर के कारण भी मतली और उल्टी हो सकती है, खासकर सुबह के समय.
चक्कर आना: अचानक चक्कर आना और संतुलन बिगड़ना भी ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है.
दृष्टि में बदलाव: धुंधला दिखना, दोहरी दृष्टि या दृष्टि का कमजोर होना भी ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं.
शारीरिक कमजोरी: शरीर के एक तरफ कमजोरी महसूस होना, हाथ या पैर का सुन्न पड़ना या झुनझुनाहट होना भी ब्रेन ट्यूमर के संकेत हो सकते हैं.
व्यवहार में बदलाव: चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, याददाश्त कमजोर होना या पर्सनैलिटी में बदलाव आना भी ब्रेन ट्यूमर के कारण हो सकते हैं.
बोलने में परेशानी: शब्दों को ढूंढने में परेशानी होना या बोलने में अस्पष्टता भी ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है.
लक्षणों को नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी
ये लक्षण अन्य बीमारियों के भी हो सकते हैं, लेकिन अगर ये लक्षण लगातार बने रहें तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. ब्रेन ट्यूमर का जितनी जल्दी पता चल जाएगा, उसका इलाज उतना ही आसान होगा.
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
ब्रेन ट्यूमर का इलाज ट्यूमर के प्रकार, आकार और स्थान पर निर्भर करता है इलाज के कुछ तरीके हैं:
सर्जरी: ट्यूमर को सर्जरी के माध्यम से निकाला जा सकता है.
रेडिएशन थेरेपी: ट्यूमर सेल्स को नष्ट करने के लिए रेडिएशन का उपयोग किया जाता है.
कीमोथेरेपी: कैंसर सेल्स को मारने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.