मर्दों को भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर, बेफिक्र होने से नहीं चलेगा काम, रिसर्च में आए चौंकाने वाले नतीजे
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मर्दों को भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर, बेफिक्र होने से नहीं चलेगा काम, रिसर्च में आए चौंकाने वाले नतीजे

Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क से आप जरूर वाकिफ होंगे, लेकिन क्या ये जानते हैं कि मर्दों को ये खतरनाक बीमारी हो सकती है, इसको लेकर लेटेस्ट रिसर्च में दावा किया गया है.

मर्दों को भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर, बेफिक्र होने से नहीं चलेगा काम, रिसर्च में आए चौंकाने वाले नतीजे

Breast Cancer Risk In Men: ब्रेस्ट कैंसर एक बेहद खतरनाक बीमारी है जो हर साल काफी महिलाओं के मौत का कारण बनती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में पूरी दुनिया में इस बीमारी से 6,70,000 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. हम में से काफी लोग ये मानते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को हो सकता है, लेकिन नए रिसर्च में ये बात सामने आई है कि इस मामले में मर्दों को बिलकुल भी बेफिक्र नहीं हो जाना चाहिए. 

रिसर्च में किया गया दावा

मर्दों के लिए स्क्रीनिंग गाइडलाइंस को बढ़ाने की मांग करने वाले एक रिसर्च में कहा गया है कि आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर से जुड़े बीआरसीए1 (BRCA1) और बीआरसीए2  BRCA2) जेनेटिक म्यूटेशन जीन का जोखिम पुरुषों में भी हो सकता है.

रिस्क को पहचानना जरूरी

फ्रेड हच कैंसर सेंटर (Fred Hutch Cancer Center) और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी (University of Washington) के एक्सपर्ट द्वारा जेएएमए ऑन्कोलॉजी (JAMA Oncology) में छपे एक आर्टिकल के मुताबिक, नए नेशनल स्क्रीनिंग गाइडलाइंस का मकसद जेनेटिक टेस्टिंग और स्पेशल कैंसर स्क्रीनिंग के जरिए पुरुषों में इन जोखिमों की पहचान करना है.

पुरुष खुद पर ध्यान दें

फ्रेड हच के प्रोस्टेट कैंसर जेनेटिक्स क्लिनिक की निदेशक हीदर चेंग (Heather Cheng) ने कहा कि पुरुषों को यह पता लगाने के लिए पर्याप्त जेनेटिक टेस्टिंग नहीं मिल रहे हैं कि उनमें बीआरसीए1 या बीआरसीए2 जीन वैरिएंट है या नहीं. उन्‍होंने आगे कहा, "लोग इसका कारण जानते हैं. वो हमेशा अपनी बेटियों का टेस्ट तो करवाते हैं, मगर अपने पर ध्‍यान नहीं देते."

मर्दों को इस तरह के कैंसर का खतरा

रिव्यू में बीआरसीए1 या बीआरसीए2 जीन में इनहेरिटेड डैमेजिंग वेरिएंट वाले पुरुषों के लिए जांच और इलाज के दिशानिर्देशों की रूपरेखा दी गई है. इसमें मेल करियर में प्रोस्टेट, पैंक्रियाटिक और ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते खतरे को हाइलाइट किया गया है, जो सभी बीआरसीए1 या बीआरसीए2 म्यूटेशन करियर को 50 फीसदी रिप्रजेंट करते हैं.

टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत

हालांकि पुरुषों के लिए मौजूदा टेस्टिंग रेट महिलाओं के मुकाबले महज दसवां हिस्सा है. टीम ने पुरुषों से अपने परिवार के कैंसर के इतिहास के बारे में डॉक्टर्स से चर्चा करने की भी गुजारिश की. चेंग ने कहा कि पुरुषों में स्क्रीनिंग बढ़ाने से जल्दी पता लगाने के लिए रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा और बीआरसीए से जुड़े कैंसर के बोझ में कमी आएगी.

(इनपुट-आइएनएस)

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