योग का इतिहास 5000 साल पुराना है. लोग प्राचीन काल से योग का अभ्यास करते आ रहे हैं. लेकिन आज भी योग के कई ऐसे रत्न हैं, जो पूरी दुनिया के सामने नहीं आ पाए हैं. जिनमें से एक है चंद्र नमस्कार. जैसे सूर्य नमस्कार करते हैं.
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International Yoga Day 2022: योग का इतिहास 5000 साल पुराना है. लोग प्राचीन काल से योग का अभ्यास करते आ रहे हैं. लेकिन आज भी योग के कई ऐसे रत्न हैं, जो पूरी दुनिया के सामने नहीं आ पाए हैं. जिनमें से एक है चंद्र नमस्कार. जैसे सूर्य नमस्कार करते हैं. कुछ उसी तरह चंद्र नमस्कार का भी अभ्यास किया जाता है. लेकिन इन दोनों योगासन का शरीर पर असर बिलकुल अलग होता है. जहां सूर्य को नमन करने से हमारे शरीर में उर्जा का संचार होता है. वहीं चंद्र नमस्कार हमारे शरीर को सुकून देता है.
क्या है चंद्र नमस्कार?
इस योग क्रिया में 14 आसन किए जाते हैं. वैसे तो इस अभ्यास को आप कभी भी कर सकते हैं. लेकिन शाम या रात के समय चंद्र नमस्कार करना काफी लाभदायक होता है. जिस तरह चंद्रमा शीतलता का प्रतीक होता है. वैसे ही ये 14 आसन आपको शांति और शीतलता देते है.
चंद्र नमस्कार ही क्यों?
इन आसनों को अगर आप अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो आपको कई फायदे मिलते है. चंद्र नमस्कार आज कल की दौड़ती भागती जिंदगी के लिए बहुत उपयोगी है. सबसे पहली चीज, ये आपको रिलेक्स करता है और आपके भावनात्मक स्वास्थ्य यानि इमोश्नल हेल्थ के लिए भी काफी मददगार है. चंद्र नमस्कार आपकी भावनाओं को संतुलित करता है. जो लोगों डिप्रेशन से जूझ रहे हैं उन्हें ये अभ्यास जरूर करना चाहिए.
नींद लाने में मददगार है यह आसन
जिन लोगों को रात में सही से नींद नहीं आती है वह इस योगासन को रोजाना करें. यह आसन मन को शांत रखने के साथ साथ ये शरीर को शीतलता देता है. जिससे आपको अच्छी नींद आने में मदद मिलती है. इस सब के साथ ही चंद्र नमस्कार आपके खून के संचार को ठीक रकता है, साथ ही आपकी पाचन क्रिया को भी सही करता है. ये योगासन आपके शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने में मददगार होता है.
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