तांबे के लोटे में पानी पीने से वेट लॉस, पेट और दिमाग को जबरदस्त फायदे मिलते हैं. आइए जानते हैं कि पीने से पहले पानी तांबे के लोटे में कितनी देर रखना चाहिए.
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आयुर्वेद कमाल की चिकित्सीय पद्धति है, जो शरीर की गहराई में जाकर बीमारी को उखाड़ फेंकती है. मगर सेहतमंद बने रहने के लिए जरूरी हेल्थ टिप्स के बारे में भी आयुर्वेद जानकारी देता है. आयुर्वेद कहता है कि सुबह के वक्त खाली पेट तांबे के लोटे से पानी पीना लाभकारी होता है. यह शरीर में वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित रखने में मदद करता है. खाली पेट तांबे के लोटे से पानी पीने के फायदों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर अबरार मुल्तानी (Dr. Abrar Multani, Ayurvedic Expert) से बातचीत की-
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी ने बताया कि स्वस्थ शरीर के लिए कॉपर एक जरूरी मिनरल है. जो आयरन के साथ मिलकर खून, रोग प्रतिरोधक क्षमता, तंत्रिका तंत्र और हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है. आप तांबे के लोटे में रातभर या कम से कम 8 घंटे पानी रखें और सुबह उठकर खाली पेट इस पानी का सेवन करें.
1. पानी को साफ करता है
तांबे को पानी साफ करने में फायदेमंद माना जाता है. विज्ञान कहता है कि कॉपर यानी तांबे में बैक्टीरिया खत्म करने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. जब आप तांबे के लोटे में पानी रखते हैं, तो तांबा उसमें मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया का खात्मा करके पानी को शुद्ध बनाता है.
2. जोड़ों-घुटनों के दर्द से राहत
अगर आपको जोड़ों या घुटनों में दर्द रहता है, तो आप खाली पेट तांबे में रखा पानी पीएं. क्योंकि, तांबा में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं. जो शरीर में दर्द पैदा करने वाली इंफ्लामेशन को खत्म करने में मदद करते हैं और जोड़ों व घुटनों के दर्द से राहत दिलाते हैं.
3. वेट लॉस में मददगार
शरीर में चल रहे फैट मेटाबॉलिज्म के लिए कॉपर काफी अहम होता है. तांबा फैट सेल्स को तोड़कर एनर्जी में बदलने के काम आता है. इसलिए, सुबह के समय तांबे के लोटे से पानी पीना वजन कम करने में लाभदायक होता है. वेट लॉस जर्नी पर चल रहे लोगों को तांबे के लोटे में रखा पानी जरूर पीना चाहिए.
4. दिमाग के लिए हेल्दी
दिमाग के लिए कॉपर बहुत जरूरी है. क्योंकि, दिमाग में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर को कंट्रोल करने के लिए कॉपर मदद करता है. जिससे ना सिर्फ आप पार्किंसन, अल्जाइमर जैसी दिमागी बीमारी से दूर रहते हैं, बल्कि याददाश्त भी मजबूत होती है. यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.
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