shane warne death due to heart attack: ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर और लेग स्पिनर शेन वॉर्न का निधन हो गया है. उनकी मौत की वजह हार्ट अटैक बताया जा रहा है.
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बीमारी के मारे ये सितारे/ भूपेंद्र राय : दुनिया के महानतम स्पिनरों में से एक शेन वार्न का अचनाक निधन हो गया. पीटीआई के मुताबिक वॉर्न अपनी मौत के समय थाईलैंड में थे. वॉर्न का अचानक चला जाना पूरे क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ा झटका है. खबरों के मुताबिक दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ने की वजह से उनकी मृत्यु हुई. शेन वार्न ने टेस्ट क्रिकेट में 700 से ज्यादा विकेट झटके हैं. उन्होंने दुनिया के हर मैदान पर अपनी करिश्माई गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन किया.
मीडिया रिपोर्ट्स में महान क्रिकेटर और लेग स्पिनर शेन वॉर्न के निधन की वजह हार्ट अटैक को बताया जा रहा है. हार्ट अटैक बेहद खतरनाक होता है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
क्या है हार्ट अटैक (what is Heart attack)
Johns Hopkins के मुताबिक, हार्ट अटैक का मेडिकल नाम मायोकार्डियल इंफार्क्शन (Myocardial Infarction) होता है. जिसमें दिल तक ऑक्सीजन और खून पहुंचाने वाली कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज आ जाती है. जिससे हार्ट मसल्स को पर्याप्त ऑक्सीजन और खून नहीं मिल पाता और वो डैमेज होने लगती है.
दिल का दौरा पड़ने के लक्षण (Symptoms of Heart Attack)
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हर मरीज में हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. जैसे-
हार्ट अटैक के कारण - Causes of heart attack
हार्ट अटैक काफी खतरनाक होता है, जिसके कारण जान भी जा सकती है. हाल ही में एक्टर पुनीत राजकुमार और सिद्धार्थ शुक्ला का निधन भी हार्ट अटैक के कारण हुआ था. Johns Hopkins के अनुसार, हार्ट अटैक आने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं. नीचे जानिए उनके बारे में....
डॉक्टर से कब मदद लेनी है?
हार्ट अटैक के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. आपके शरीर में हल्के से शारीरिक बदलाव नजर आने पर ही फौरन डॉक्टर के पास जाने की कोशिश करें. लक्षणों को देखकर इसे अन्य समस्या समझने की गलती ना करें, क्योंकि यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है.
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
कैसे किया जाता है हार्ट अटैक का इलाज
हार्ट अटैक आने के बाद मरीज की एंजियोप्लास्टी की जाती है. यह एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक ब्लड सप्लाई करने वाली रक्त वाहिकाओं को खोला जाता है. मेडिकल भाषा में इन रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी आर्टरीज़ कहते हैं. डॉक्टर अक्सर दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी समस्याओं के बाद एंजियोप्लास्टी का सहारा लेते हैं. यह काफी अच्छी ट्रीटमेंट है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.
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