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नई दिल्ली: शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी तरह के वायरस या बैक्टीरिया (Virus or Bacteria) से हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम (Immune system) लड़ता है और उसे हराने की कोशिश करता है और एक बार जब इंफेक्शन ठीक हो जाए उसके बाद मरीज फिर से पहले की तरह स्वस्थ हो जाता है. लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) के संदर्भ में यह देखने को मिल रहा है कि शरीर में वायरल लोड (Viral load) खत्म हो जाने के बाद भी वायरस का साइड इफेक्ट लंबे समय तक शरीर पर दिख रहा है.
इतना ही नहीं, यह वायरस शरीर के कई अहम अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है (Damages organs). ऐसे में अगर आप भी हाल फिलहाल में कोरोना वायरस से रिकवर हुए हैं तो आपको ये टेस्ट जरूर करवाने चाहिए ताकि यह पता चल सके कि इस वायरस ने आपके शरीर को किस तरह से और कितना नुकसान पहुंचाया है.
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1. हार्ट इमेजिंग, कार्डिएक स्क्रीनिंग- कोविड-19 इंफेक्शन की वजह से शरीर में बहुत अधिक इन्फ्लेमेशन (Inflammation) होता है जिसकी वजह से हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और उन्हें नुकसान भी पहुंचता है (Heart muscles are damaged). इसके अलावा कोविड से रिकवर होने वाले कई मरीजों में हार्ट बीट के असामान्य होने की दिक्कत भी देखने को मिल रही है. लिहाजा रिकवरी के बाद हार्ट इमेजिंग या कार्डिएक स्क्रीनिंग टेस्ट (Cardiac screening) जरूर करवाएं.
2. चेस्ट सीटी स्कैन- कोविड-19 की बीमारी किसी मरीज में कितनी गंभीर है इसका पता लगाने में चेस्ट सीटी स्कैन (Chest CT Scan) काफी मदद करता है. ऐसे में मरीज की रिकवरी कैसी हो रही है इसका पता लगाने के लिए चेस्ट सीटी स्कैन और लंग फंक्शन टेस्ट भी मदद कर सकता है.
3. न्यूरो फंक्शन टेस्ट- कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के बाद भी कई मरीजों में कई हफ्तों और महीनों तक न्यूरोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल लक्षण देखने को मिलते हैं. यही वजह है कि संक्रमण से रिकवर होने के बाद ब्रेन और न्यूरोलॉजिकल फंक्शन टेस्ट (Neuro function test) करवाना जरूरी है ताकि मरीज में ब्रेन फॉग, ऐंग्जाइटी, बहुत अधिक थकान लगना, चक्कर आना जैसे लक्षणों का पता लगाया जा सके.
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4. ग्लूकोज टेस्ट- कई स्टडीज में यह बात सामने आयी है कि कोरोना वायरस उन मरीजों को भी डायबिटीज का मरीज (Diabetes) बना रहा है जिनमें संक्रमण से पहले डायबिटीज की कोई समस्या नहीं थी. यही वजह है कि कोविड-19 से रिकवर होने के बाद ग्लूकोज टेस्ट (Glucose test) जरूर करवाएं. कोरोना संक्रमण वाले मरीज के शरीर में ब्लड ग्लूकोज का लेवल सामान्य से अधिक या कम हो सकता है.
5. एंटीबॉडी टेस्ट- कोरोना संक्रमण से लड़ने के बाद आपके शरीर में एंटीबॉडीज बनते हैं जो भविष्य में इंफेक्शन होने से बचाने में मदद करते हैं. लिहाजा रिकवर होने के बाद एंटीबॉडी टेस्ट (Antibody test) भी जरूर करवाएं ताकि पता चल सके कि आपका इम्यून प्रोटेक्शन लेवल कितना है. रिकवर होने के एक या दो हफ्ते बाद ये टेस्ट करवाएं और अगर प्लाज्मा डोनेट करने की सोच रहे हैं तो उसके लिए भी यह टेस्ट जरूरी है.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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