Healthy Holi Tips: घर में हैं इन बीमारियों के मरीज तो भूल से भी होली पर रिफाइंड ऑयल में ना बनाएं पकवान
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Healthy Holi Tips: घर में हैं इन बीमारियों के मरीज तो भूल से भी होली पर रिफाइंड ऑयल में ना बनाएं पकवान

Refined Oils Good Or Bad: यदि आप अपनी सेहत से ज्यादा पैसे को महत्व देते हैं तो यह आपके लिए निश्चित तौर पर एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसकी कीमत दूसरे किसी भी तेल की तुलना में कम होती है. लेकिन अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं तो इसका इस्तेमाल आज से ही बंद कर दें. ऐसा क्यों जरूरी इस लेख में आप जान सकते हैं.

Healthy Holi Tips: घर में हैं इन बीमारियों के मरीज तो भूल से भी होली पर रिफाइंड ऑयल में ना बनाएं पकवान

Refined Oil Side Effects In Hindi: हर घर में 25 मार्च को होली के त्योहार को धूमधाम से मनाने की तैयारी शुरू हो गयी है. इस दिन घरों में खूब सारे पकवान भी बनाए जाते हैं. रंगों के इस त्योहार पर घरों में उन लोगों को भी हर चीज खाने थोड़ी छूट मिल जाती है जिन्हें गंभीर बीमारियों के कारण खाने में परहेज करने की हिदायत दी जाती है.

इसलिए जरूरी है कि ऐसे हेल्दी विकल्पों का चुनाव किया जाए जिससे त्योहार का रंग फीका भी ना पड़े और सेहत भी बनी रहे. वैसे तो लोग शुगर को कंट्रोल पर पूरी ध्यान देते हैं लेकिन तेल भी सेहत को बिगाड़ सकता है इस ओर आमतौर पर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं जाता है. ऐसे में यदि आप रिफाइंड तेल में पकवान बना रहे हैं तो इसे तुंरत रिप्लेस कर दें. क्योंकि यह हेल्थ के नजरिए से अच्छा नहीं होता है. 

बीमारियों से जुड़ा है रिफाइंड ऑयल का नाता

रिफाइंड ऑयल का सेहत पर पड़ने वाले असर को जानने के लिए हुए रिसर्च से पता चलता है कि इसके ज्यादा उपभोग से सूजन और हार्ट को नुकसान पहुंचता है. ऐसा ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्ऱॉल और खून की नसों में सूजन से होता है. इससे हार्ट डिजीज के साथ टाइप 2 डायबिटीज के होने का खतरा भी होता है. इसके अलावा इसमें मौजूद ट्रांस फैट कैंसर, इम्यून सिस्टम प्रॉब्लम के जोखिम को भी बढ़ाता है.

सेहत के लिए क्यों अच्छा नहीं रिफाइंड ऑयल

इंटर साइंस रिसर्च नेटवर्क के अनुसार, रिफाइंड ऑयल इंसान द्वारा तैयार किया गया तेल हैं जिसमें कई हानिकारक पेट्रोकेमिकल्स का उपयोग रिफाइनिंग प्रोसेस के लिए किया जाता है. जिसके कारण इसे लंबे समय तक गर्म करने पर कई हानिकारक टॉक्सिन निकलने लगते हैं, जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है. अधिकांश वनस्पति आधारित वनस्पति तेल या वास्तव में सीड्स ऑयल होते हैं जो अनसैचुरेटेड फैट में हाई होते हैं. ऐसे में जब इन्हें स्मोकिंग प्वाइंट तक गर्म किया जाता है तो यह ऑक्सीकरण करके फ्री रेडिकल्स पैदा करते है, जिन्हें इनहेल करने से भी नुकसान पहुंचता है. 

ये लोग ना खाएं रिफाइंड ऑयल 

यदि आप डायबिटीज, हार्ट डिजीज या इसके जोखिम कारक कोलेस्ट्रोल, ब्लड प्रेशर, वीक इम्यूनिटी, लंग्स की बीमारी का सामना कर रहे हैं तो रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल बहुत कम करें या फिर ना के बराबर करें.

रिफाइंड ऑयल की जगह यूज करें ये तेल

कनौला, कॉर्न, सोयाबीन, वनस्पति तेल जैसे हाई रिफाइंड ऑयल की जगह आप जैतून का तेल, एवोकैडो तेल, तिल का तेल और कुसुम का तेल, सरसों का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और अन्य यौगिक होते हैं जो सेहत को बनाए रखने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं.

भूल से भी ना करें रिफाइंड तेल के साथ ये गलती

रिफाइंड ऑयल सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. लेकिन इसका जोखिम तब और अधिक बढ़ जाता है जब बार-बार तेल को गर्म किया जाए. ऐसे में यदि आप चीजों को तलने के बाद बचे तेल को दोबारा कुकिंग के लिए रखते हैं तो आप जल्दी ही दिल की बीमारी के चपेट में आ सकते हैं. वैसे किसी भी तेल को दोबारा यूज करने से बचना सेहत के लिए फायदेमंद होता है.   

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