Headstand Benefits: शीर्षासन को कहते हैं योगासनों का राजा, मिलते हैं कमाल के फायदे
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Headstand Benefits: शीर्षासन को कहते हैं योगासनों का राजा, मिलते हैं कमाल के फायदे

Sirsasana benefits: क्या आप जानते हैं कि शीर्षासन (Shirshasana ke fayde) को सभी योगासनों का राजा क्यों कहा जाता है, यहां जानें.

सांकेतिक तस्वीर

योगासनों को स्वास्थ्य के लिहाज से काफी बेहतर माना जाता है. हर योगासन आपके शरीर के संतुलन, ताकत और लचीलेपन को बढ़ाकर उसे संपूर्ण स्वास्थ्य की तरफ ले जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि योगासनों का राजा कौन है? आपको बता दें कि शीर्षासन (Sirsasana Benefits) को योगासनों का राजा माना जाता है. क्योंकि इसे करने के लिए आपको काफी शारीरिक संतुलन की आवश्यकता होती है और यह आपको अनगिनत स्वास्थ्य फायदे देता है. यह आसन हठ योगा के अंतर्गत भी आता है. आइए, 21 जून 2021 को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2021) के मौके पर शीर्षासन के फायदे (Shirshasana Benefits) और इसे करने का सही तरीका जानते हैं.

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Sirsasana Benefits: शीर्षासन के फायदे (Benefits of Headstand)
शीर्षासन के स्वास्थ्य फायदे (Sirsasana Health Benefits) निम्नलिखित फायदे हैं.

  • सिरदर्द से राहत मिलती है.
  • चक्कर आने की समस्या कम होती है.
  • शीर्षासन के फायदे में रक्त प्रवाह में सुधार भी शामिल है.
  • बालों की समस्या सुधरती है.
  • तनाव व चिंता से राहत मिलती है.
  • कंधों, गर्दन, पेट और रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है.

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शीर्षासन करने का सही तरीका (Sirsasana Kaise Karein in Hindi)
अगर आप शीर्षासन की शुरुआत कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि किसी दीवार का सहारा लेकर करें. इससे आपको सपोर्ट मिल जाएगी.

  1. सबसे पहले आप अपने तलवों और हथेलियों को जमीन पर टिका लें.
  2. फिर दीवार के सहारे रखी योगा मैट पर अपने हाथों की उंगलियों को लॉक करके रख लें.
  3. अपने सिर को दोनों हथेलियों के बीच रखें.
  4. शीर्षासन करने के लिए अब पैरों को सिर के पास लाते हुए कमर और गर्दन को सीधा कर लें.
  5. इस समय तक आपका शरीर एक V के आकार में पहुंच जाएगा.
  6. ध्यान रखें कि आपकी कमर, कंधे और गर्दन बिल्कुल सीधी रेखा में हो.
  7. अब धीरे-धीरे शरीर का संतुलन बनाते हुए अपने एक पैर को ऊपर की तरफ सीधा करने की कोशिश करें.
  8. इस दौरान आप दीवार का सपोर्ट भी ले सकते हैं.
  9. अब पैर को ऊपर की तरफ सीधा करने के बाद अपना शारीरिक संतुलन बनाएं और फिर धीरे-धीरे दूसरा पैर भी ऊपर की तरफ सीधा कर लें.
  10. इस अवस्था में आपकी गर्दन, कमर, कूल्हे और पैर बिल्कुल सीधी रेखा में आ जाएंगे.
  11. अब अपनी क्षमतानुसार कुछ सेकेंड से 5 मिनट तक इसी अवस्था में रहें और गहरी सांस लें.
  12. इसके बाद धीरे-धीरे अपने पैरों को नीचे की तरफ लाएं.
  13. शीर्षासन करने के बाद थोड़ी देर बालासन की मुद्रा में रहें.

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शीर्षासन से जुड़ी सावधानी (Headstand Precaution in hindi)
शीर्षासन करने से पहले आपको इन सावधानियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. जैसे-

  1. शीर्षासन (Shirshasana) की शुरुआत किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें.
  2. इस योगासन में परफेक्ट होने के लिए आपको समय लग सकता है. इसलिए जल्दबाजी ना करें.
  3. हमेशा अपनी गर्दन के प्रति सतर्क रखें, क्योंकि उसके चोटिल होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.
  4. शीर्षासन करते हुए सांस को ना रोकें.
  5. हाई ब्लड प्रेशर, ग्लूकोमा डायबिटीज, स्ट्रोक व हार्ट डिजीज के रोगी इस आसन को ना करें.
  6. इसके अलावा, अंदरुनी कान की समस्या, गर्दन व रीढ़ की हड्डी में दिक्कत और ऑस्टियोपोरोसिस के रोगी भी इस आसन से दूर रहें.

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है.

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