दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आपातकालीन विभाग में इलाज करवाने आ रहे मरीजों को अब गेट पर ही खाली बेड की जानकारी मिल जाएगी.
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दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आपातकालीन विभाग में इलाज करवाने आ रहे मरीजों को अब गेट पर ही खाली बेड की जानकारी मिल जाएगी. मरीजों की सुविधा के लिए गेट नंबर- 1 (प्रवेश द्वार) के सामने लगाए गए एलईडी डिस्प्ले को ठीक किया जा रहा है. इस बोर्ड पर बिस्तरों की जानकारी दी जाएगी. इसे लेकर एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने आदेश जारी किया है.
अमर उजाला अखबार में छपी एक खबर के अनुसार, एम्स के गेट नंबर- एक (प्रवेश द्वार) के सामने स्थापित एलईडी डिस्प्ले को ठीक किया जाएगा. यहां आपातकालीन बिस्तरों की उपलब्धता डैश बोर्ड पर प्रदर्शित की जाएगी. इसका फायदा ऐसे मरीजों को होगा, जिन्हें अंदर-जाने के बाद दूसरे अस्पताल में जाने का सुझाव दिया जाता है. खासकर स्थिर मरीजों के लिए यह मददगार साबित होगा.
मरीज होते थे काफी परेशान
इससे पहले, मरीजों को गेट पर ही खाली बेड की जानकारी नहीं मिलती थी. ऐसे में उन्हें अंदर जाकर ही पता चलता था कि उनके लिए बेड उपलब्ध है या नहीं. इससे मरीजों को काफी परेशानी होती थी. खासकर तब जब मरीज स्थिर होता था और उसे दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता था. एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने कहा कि यह व्यवस्था मरीजों की सुविधा के लिए की जा रही है. इससे मरीजों को गेट पर ही पता चल जाएगा कि उनके लिए बेड उपलब्ध है या नहीं. इससे उन्हें काफी समय और परेशानी बचेगी.
गेट नंबर-1 के आसपास का क्षेत्र होगा विकसित
इसके अलावा, एम्स के निदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि अरबिंदो मार्ग स्थित एम्स के गेट नंबर एक को सुधारा जाएगा. इस गेट को आपातकालीन मरीजों, आंतरिक रोगियों और आगंतुकों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मौजूदा समय में गेट के आसपास की स्थिति खराब है. इसे लेकर निर्णय लिया गया है कि गेट नंबर एक के आसपास के क्षेत्र से पुराने आपातकाल से सटे भूमिगत टैंक के आसपास के क्षेत्र तक नवीनीकरण और पुनर्निर्माण का काम किया जाएगा. इससे गेट के आसपास की स्थिति सुधरेगी और मरीजों को आने-जाने में सुविधा होगी.