गाय-भैंस या बकरी, जानिए कौन सा दूध है आपके बच्चे के लिए बेहतर?
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गाय-भैंस या बकरी, जानिए कौन सा दूध है आपके बच्चे के लिए बेहतर?

वैसे तो शिशु को एक साल तक मां का ही दूध पीना चाहिए. मां का दूध बच्चे के लिए सबसे बेहतर है. अगर किसी वजह से मां बच्चे को दूध नहीं पिला पा रहीं हैं तो बच्चों के लिए फॉर्मूला ट्रिक दे सकते हैं.

सांकेतिक फोटो

Health Benefit: बच्चों के लिए दूध कितना जरूरी होता है ये हम सब जानते हैं पर उनके शरीर को कितने और कौन से दूध की जरूरत है इसे लेकर कंफ्यूजन बना रहता है. बच्चे को गाय का दूध दें या भैंस का या मिल्क पाउडर. ये सवाल हर पेरेंट्स के मन में उठते हैं. तो आप परेशान होना छोड़ दीजिए. यहां पर हम आपको बताते हैं कि बच्चे की ग्रोथ के लिए कौन सा दूध पिलाना बेहतर रहेगा. इसके साथ ये भी बताएंगे कि किस उम्र में कितना दूध पीना चाहिए.

  1. शिशु को एक साल तक मां का दूध पीना चाहिए
  2. गाय का दूध बच्चे के लिए होता है हल्का
  3. पाउडर मिल्क भी बच्चे के लिए बेहतर 

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गाय और भैंस का दूध-बच्चों के लिए क्या है बेहतर?
आपको सुनकर हैरानी होगी कि छोटे बच्चों के लिए गाय और भैंस के दूध से भी ज्यादा फायदेमंद पाउडर मिल्क होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि गाय या भैंस के दूध में मिलावट की गुंजाइश बनी रहती है. लेकिन यदि आप अपने सामने ही गाय या भैंस का दूध निकलवाकर लाते हैं तो आप बच्चे को यह दूध पिला सकते हैं. 

वैसे बच्चों के लिए कहा जाता है कि गाय का दूध ज्यादा बेहतर होता है. गाय का दूध बच्चों के लिए हल्का बताया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि भैंस के दूध में गाय के दूध के मुकाबले ज्‍यादा फैट होता है. गाय के 100 मिली दूध में करीब 65-70 कैलरी होती है, जोकि मां के दूध जितनी ही है. इसके अलावा गाय के दूध में फैट भी कम होता है. भैंस के 100 मिली दूध में 117 कैलरी होती है. 

वैसे तो शिशु को एक साल तक मां का ही दूध पीना चाहिए. मां का दूध बच्चे के लिए सबसे बेहतर है. अगर किसी वजह से मां बच्चे को दूध नहीं पिला पा रहीं हैं तो बच्चों के लिए फॉर्मूला ट्रिक दे सकते हैं.

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पिला सकते हैं बकरी का दूध
शिशु को 6 महीने तक मां का दूध ही पिलाया जाता है और इसके बाद शिशु को गाय या भैंस का दूध दिया जाता है. इसके अलावा अन्‍य पशुओं का दूध बच्‍चों का कम ही पिलाया जाता है जबकि ऐसा नहीं है कि उनमें पोषण की मात्रा कम होती है. अगर आप अपने बच्‍चे को गाय या भैंस के अलावा किसी अन्‍य पशु का दूध पिलाना चाहते हैं तो बकरी का दूध पिला सकते हैं. 

बकरी के दूध में लैक्‍टोज नामक शुगर होती है जिसे पचान पाचन तंत्र के लिए सबसे ज्‍यादा मुश्किल होता है. गाय के दूध में कैल्शियम के साथ लैक्‍टोज भी खूब होता है जिसकी वजह से बच्‍चा इसे आसानी से पचा नहीं पाता है. वहीं बकरी के दूध में इससे कम मात्रा में लैक्‍टोज होता है. बकरी का दूध आसानी से पच जाता है. बकरी के दूध में अन्‍य मिल्‍क की तुलना में प्रीबायोटिक ज्‍यादा होते हैं. इससे बच्‍चे का पेट ठीक रहता है और गुड बैक्‍टीरिया बना रहता है.

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किस उम्र में कितना दूध पीना सही
डॉक्टरों की मानें तो दूध एक कंप्लीट फूड डाइट है. आइए जानते हैं किस उम्र के व्यक्ति को कितना दूध पीना चाहिए. 
0-1 साल
0 से 1 साल इस उम्र के बच्चों को गाय, भैंस या पैकेट का दूध नहीं देना चाहिए. इनके लिए मां का दूध सबसे बेहतर होता है.

1-से 2 साल

एक से दो साल के बच्चों के दिमागी विकास को बेहतर बनाने के लिए उन्हें ज्‍यादा फैट वाली डाइट की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें फुल क्रीम मिल्क देना चाहिए. रोजाना दिन में 3-4 कप दूध पीना जरूरी है.

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2 से 3 साल
दो से 3 साल के बच्चों को रोजाना दो से तीन कप दूध देना चाहिए. इस दौरान बच्चों को खाने के लिए दूध से बनी चीजें भी देनी चाहिए.

4 से 8 साल
इस उम्र के बच्चों को ढाई से तीन कप दूध देना चाहिए. दूध से बनी चीजों जैसे- पनीर, दही आदि रोजाना देना जरूरी है.

9 साल से ज्यादा बड़ा बच्चा
9 साल से ज्‍यादा के बच्चों को रोजाना करीब 3 कप दूध या दूध से बने हुए उत्पाद जैसे- दही, पनीर आदि देना चाहिए. इस उम्र के बच्चों को करीब 3000 कैलोरी की जरूरत होती है.

कैल्शियम और हड्डियों की मजबूती के लिए दूध जरूरी है.  एक ग्लास फुल क्रीम दूध में 146 कैलरी, 8 ग्राम फैट होता है. वहीं टोंड दूध में 102 कैलरी और 2 ग्राम सैचुरेटेड फैट होता है. स्किम्ड मिल्क में 83 प्रतिशत कैलरी होती है, इसमें फैट नहीं होता है.

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डिस्क्लेमर
इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसे किसी बीमारी के इलाज या फिर चिकित्सा सलाह के तौर पर नहीं देखना चाहिए. यहां बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका हम कोई दावा नहीं करते हैं. यहां दिए गए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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