Lumpy virus havoc: लंपी वायरस ने ली 67 हजार से ज्यादा मवेशियों की जान, ऐसे करें अपने जानवरों की रक्षा
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Lumpy virus havoc: लंपी वायरस ने ली 67 हजार से ज्यादा मवेशियों की जान, ऐसे करें अपने जानवरों की रक्षा

Lumpy virus havoc: भारत में लंपी वायरस का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. यह वायरस देश के आठ राज्यों में तेजी से फैल चुका है और इससे अब तक 67 हजार से ज्यादा मवेशियों की जान जा चुकी है. आइए जानते हैं कि लंपी वायरस के लक्षण क्या हैं और इससे मवेशियों को कैसे बचाया जा सकता है.

प्रतिकात्मक तस्वीर

Lumpy virus havoc: भारत में लंपी वायरस का कहर जारी है. इससे अब तक 67 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है. देश के 8 से ज्यादा राज्यों में लंपी वायरस (lympy skin disease) के अधिकांश मामले सामने आए हैं. इन राज्यों में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में.

क्या है लंपी वायरस?
लंपी वायरस जानवरों की स्किन डिजीज है, जो Capripoxvirus के कारण होती है. ये गोटपॉक्स और शिपपॉक्स फैमिली का वायरस है. इस वायरस से गाय और भैंस बीमार होती है. मवेशियों में लंपी वायरस खून चूसने वाले कीड़े और मच्छरों से फैलता है. इस वायरस ने पहले बार 2019 में भारत, बांग्लादेश और चीन में दस्तक दी थी. 

राजस्थान ज्यादा प्रभावित
लंपी वायरस का कहर राजस्थान में ज्यादा देखने को मिला. यहां रोजाना करीब 600-700 मवेशियों की मौत हो रही है, जबकि अन्य राज्यों में ये आंकड़ा 100 के करीब है. राजस्थान के अलावा, यह वायरस गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में फैल गया है.

लंपी वायरस के लक्षण
मवेशियों को बुखार आना, वजन कम होना, आंखों से पानी निकलना, लार बहना, शरीर में दाने और भूख न लगना लंपी वायरस के लक्षण हो सकते हैं. इसके कारण मवेशियों का शरीर दिन प्रतिदिन और खराब होने लगता है.

कैसे करें बचाव
- लंपी रोग वाले मवेशियों को दूसरे जानवरों से अलग रखें
- मवेशियों को मक्खी, मच्छर से बचनाएं
- लंपी वायरस से मरने वाले मवेशियों का शव खुला न छोड़ें
- जहां मवेशियों को रखा है, वहां कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें

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