कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पीड़ितों के फेफड़ों पर कई तरह के प्रभाव पड़े हैं. इनमें से एक है फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी आना भी है. इससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं.
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तीन साल पहले चीन से निकली बीमारी कोरोना वायरस ने दुनियाभर में जमकर कहर बरपाया. इस बीमारी से जहां करोड़ों लोग प्रभावित हुए वहीं, लाखों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी. इसके अलावा, जो लोग कोरोना से ठीक हुए हैं, उनको अब भी कोई का कोई समस्या हो रही है. कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पीड़ितों के फेफड़ों पर कई तरह के प्रभाव पड़े हैं. इनमें से एक है फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी आना भी है. इससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं.
हिन्दुस्तान पेपर में छपी एक खबर के अनुसार, कानपुर के हैलेट अस्पताल में बीते एक महीने में 1100 से ज्यादा ऐसे मरीज आए, जो वायरल बुखार से पीड़ित थे और उनको सूखी खांसी ने जमकर परेशान करके रखा था. मेडिसिन विभाग ने जब उनकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जाना तो पता चला कि वो कोरोना वायरस से संक्रमित थे. इससे यह बात सामने आई कि कोरोना से ठीक हो जाने के बाद भी उनके फेफड़े कमजोर हैं.
पीछा नहीं छोड़ रही खांसी
हैलेट अस्पताल के ओपीडी में महीनेभर में करीब दो हजार मरीज ऐसे भी हैं, जो पांच से छह दिन में वायरल फीवर से स्वस्थ हो गए. लेकिन खांसी खासकर सूखी खांसी से पीछा नहीं छूट रहा है. इनकी खांसी ठीक होने में तकरीबन दो सप्ताह से ज्यादा का समय लग रहा है. कुछ में तो दो से तीन महीने बाद भी खांसी पूरी तरह ठीक नहीं हुई.
हड्डी को तोड़ रहा बुखार
वायरल फीवर के बदले असर से डॉक्टर भी हैरान हैं. इस बार वायरल फीवर की चपेट में आए लगभग सभी मरीजों के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द है. जोड़ों से लेकर कमर, बांह, पीठ में दर्द की शिकायत लेकर मरीज आ रहे हैं. ऐसी परेशानी वाले मरीजों की आयु 35 से 50 साल के बीच की है.
फेफड़ों की कार्यक्षमता कैसे बढ़ाएं?
फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी को दूर करने के लिए अभी तक कोई प्रभावी इलाज नहीं है. हालांकि, कुछ उपाय किए जा सकते हैं जो स्थिति को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं. इन उपायों में शामिल हैं-
- नियमित व्यायाम करना: व्यायाम फेफड़ों की क्षमता में सुधार करने में मदद कर सकता है.
- स्वस्थ आहार खाना: स्वस्थ आहार फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है.
- धूम्रपान से बचना: धूम्रपान फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.