Epilepsy in hindi: मिर्गी का दौरा क्यों पड़ता है और इस दौरान मरीज की कैसे मदद करनी चाहिए. जानें यहां...
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भारत में हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपिलेप्सी डे (National Epilepsy Day 2021) मनाया जाता है, ताकि मिर्गी के बारे में जागरुकता फैलाई जा सके. इस दिन को मनाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि लोग किसी को मिर्गी का दौरा पड़ने पर घबरा जाते हैं और सही कदम नहीं उठा पाते. जिससे मिर्गी के मरीजों की जान भी जा सकती है. आइए जानते हैं कि मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज की कैसे मदद करनी चाहिए.
लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं कि मिर्गी क्या है?
What is epilepsy: मिर्गी क्या है?
नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनीष गुप्ता का कहना है कि, मिर्गी (एपिलेप्सी) एक आम दिमागी समस्या है, जिसमें बिना कारण बार-बार दौरा पड़ता है. करीब 70 प्रतिशत मिर्गी के मरीज दवाओं की मदद से मिर्गी के दौरों पर कंट्रोल पा लेते हैं. लेकिन, जिन लोगों में यह समस्या कंट्रोल नहीं हो पाती, उनमें दौरे के कारण होने वाले अन्य खतरों की आशंका बढ़ जाती है. खासकर तब, जब यह दौरे बिना किसी चेतावनी या जागरुकता में कमी के साथ आते हैं.
एक्सपर्ट के मुताबिक, अस्थमा व डायबिटीज जैसी अन्य लॉन्ग-टर्म हेल्थ कंडीशन की तरह मिर्गी भी अनुपचारित रहने पर गंभीर परिणाम दिखा सकती है. नेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक, दिमागी सेल्स (न्यूरॉन) में अत्यधिक इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होने के कारण मिर्गी का दौरा पड़ता है.
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मिर्गी का दौरा पड़ने पर First Aid कैसे दें?
डॉ. मनीष गुप्ता के मुताबिक, अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हैं, जिसे टॉनिक-क्लॉनिक सीजर (मसल्स में कंपन के साथ शरीर अकड़ जाना) पड़ रहा हो. तो आपको निम्नलिखित काम करने चाहिए. जैसे-
ध्यान रखें कि अगर मरीज खतरनाक स्थिति में नहीं है, तो कहीं ले जाने, शरीर को हिलने से रोकने या उसके मुंह में कुछ डालने की कोशिश ना करें.
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मिर्गी का दौरा पड़ने पर एंबुलेंस को कब बुलाएं?
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मिर्गी का दौरा पड़ने पर जान कैसे बचाएं?
डॉ. मनीष गुप्ता के मुताबिक, मिर्गी के दौरे के कारण होने वाली चोट या मृत्यु को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं. जैसे-
1. मिर्गी का दौरा कंट्रोल करने के लिए संभावित बेस्ट कंट्रोल
2. सेल्फ मैनेजमेंट करें
3. अपने आसपास रहने वाले लोगों को अपनी समस्या और उसमें दी जाने वाली मदद के बारे में बताकर रखें.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.