ना दवाई, ना डॉक्टर घर बैठे ऐसे पहचानिए ब्रेस्ट कैंसर के लक्ष्ण
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ना दवाई, ना डॉक्टर घर बैठे ऐसे पहचानिए ब्रेस्ट कैंसर के लक्ष्ण

इस अभियान के चलते शहरी औरतों के साथ-साथ खास तौर पर ग्रामीण महिलाओं को जागरुक करने की कोशिश की जा रही है.

सांकेतिक तस्वीर

आज देशभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. जिसमें महिला सशक्तिकरण, सामान्य अधिकारों, और महिलायों से जुड़ी हर एक छोटी बड़ी बातों पर चर्चा की जा रही है. ऐसे में महिलाओं के स्वास्थ को लेकर हेल्थवायर ने ‘वी केयर फॉर शी’ नाम से अभियान चलाया. जिसके तहत 14 साल की उम्र से लेकर 60 साल की उम्र की औरतों को ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों से लेकर उनके उपचार के बारे में जागरुक किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में हर वर्ग की महिलायों ने भाग लिया साथ ही महिलायों के लिए काम कर रहे एनजीओे के वाल्‍टीयर्स को भी अमंत्रित किया गया. कार्यक्रम में हाल ही में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री के लिए अॉस्कर जीत कर आई स्नेहा और सुमन को सम्मानित किया गया.

इस अभियान के चलते शहरी औरतों के साथ-साथ खास तौर पर ग्रामीण महिलाओं को जागरुक करने की कोशिश की जा रही है. जिसमें अनुभवी डॉकटरों की मदद से बताया जा रहा है कि कैसे महिलाएं घर में ही ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों का पता लगा सकती हैं. इसके लिए हफ्ते में एक बार औरतों को हफ्ते में एक बार नहाने के समय अपने स्तन को हाथ के छू कर देखना होगा और इन खास बातों पर ध्यान देना होगा.

- स्तन में कहीं गांठ या सूजन तो नहीं है.

- किसी तरह की ऐलर्जी

- छूने पर दर्द का एहसास तो नही है.

- ब्रेस्ट के आकार में कोई असामान्य बदलाव.

- ब्रेस्ट के आस पास की त्वचा का छड़ना 

- निपल में से किसी तरह का डिस्चार्ज होना.

अगर इनमें से कोई लक्षण महिलाओं को महसूस होते हैं तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है. ऐसे में जल्द ले जल्द किसी प्रमाणित डॉक्टर की सलह ले. सही समय पर इलाज के जरिए ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है. अपोलो इंद्रप्रस्थ अस्पताल की डॉ रमेश सरीन ने बताया की भारत में महिलायों में बिमारियों का सबसे बड़ा करण है समय पर जांच न होना. खास तौर पर गांव में गांव में महिलाएं अपने स्वास्थ को लेकर खुल कर बात करने में झिझकती हैं. यहां तक की डॉक्टरों के सामने भी खुल कर अपनी तकलीफ नहीं बतातीं. ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि कितनी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानती होंगी या फिर इसके बारे में अपने परिवार में बात करती होंगी. इस स्थति में महिलाओं को जागरुक करना बहुत जरुरी है. 

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