Rheumatoid Arthritis Symptoms: रूमेटाइड गठिया एक ऑटोइम्यून और सूजन संबंधी बीमारी है जो व्यकित के जोड़ों और हड्डियों को प्रभावित करती है. इसलिए गठिया के रोगियों में हड्डियों में दर्द और सूजन देखा जा सकता है. हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि युवाओं में भी इसके लक्षण देखे जा सकते हैं.
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Rheumatoid Arthritis Symptoms: रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसा रोग है जो ज्यादातर हड्डियों और जोड़ों को प्रभावित करता है. हालांकि यह एक क्रोनिट इंफ्लेमेटरी ऑटोइम्यून बीमारी है जो सिर्फ जोड़ों को प्रभावित न करके किसी व्यक्ति की पूरी प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिसमें फेफड़े, हृदय और आंख जैसे अंग शामिल हैं. यह बीमारी दुनिया भर में लगभग 1% आबादी को प्रभावित करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह सूजन का भी कारण बन सकते हैं. कई बार अधिक वजन भी इस बीमारी को बढ़ा सकता है. आइये जानें इसके लक्षण, निदान और युवाओं को किस तरह तेजी से प्रभावित कर रहा है.
युवाओं में दिखते हैं ये लक्षण-
इस रोग के लक्षण युवाओं में आसानी से देखे जा सकते हैं. रूमेटाइड अर्थराइटिस यानी गठिया के मरीजों को घुटनों, एड़ियों, पीठ, कलाई या गर्दन के जोड़ों में दर्द रहता है. वैसे तो यह बीमारी ज्यादातर बुजुर्गों में होती है. लेकिन खराब लाइफस्टाइल की वजह से अब युवाओं में भी इसकी शिकायत होने लगी है. इसमें शरीर के अंगों में बहुत ज्यादा सूजन पैदा हो जाती है जो जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनती है. लंबे समय तक बनी यह सूजन जोड़ों को बुरी तरह प्रभावित करती है.
1. युवाओं को अगर सुबह-सुबह शरीर के किसी अंग में लंबे समय तक अकड़न महसूस होती है, तो यह रूमेटाइड अर्थराइटिस का कारण हो सकता है. ये अकड़न एक से दो घंटे रहती है और शरीर के मूवमेंट के साथ ठीक हो जाती है.
2. इसके साथ ही कमजोरी होना, हल्का बुखार रहना, कुछ खाने का मन न होना, मूंह और आंखों का सूखना, शरीर में गांठ बनना शामिल हैं.
3. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इस बीमारी का खरता ज्यादा देखा जाता है.
4. रूमेटाइड अर्थराइटिस किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है. बच्चों में भी इसके लक्षण दिख सकते हैं जिसे जुवेनाइल अर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है.
किस तरह करें आरए का घरेलू उपचार-
1. डाइट में तरह-तरह की हेल्दी चीजें शामिल करें
2. फैट, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल का सेवन कम करें
3. धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करें, एल्कोहल का सेवन कम करें
4. नियमित रूप से व्यायाम करें
5. कैल्शियम और विटामिन-D की खुराक लें
6. विटामिन-C, B6, B12, E, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम को डाइट में शामिल करें.
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