AI चैटबॉट्स से दवाओं की जानकारी लेना हो सकता है खतरनाक, रिसर्च में मिली बड़ी चेतावनी
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AI चैटबॉट्स से दवाओं की जानकारी लेना हो सकता है खतरनाक, रिसर्च में मिली बड़ी चेतावनी

हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बड़ी चेतावनी दी गई है कि मरीजों को दवाओं की जानकारी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबॉट्स पर भरोसा नहीं करना चाहिए.

AI चैटबॉट्स से दवाओं की जानकारी लेना हो सकता है खतरनाक, रिसर्च में मिली बड़ी चेतावनी

आजकल AI चैटबॉट्स हमारी जिंदगी का हिस्सा बनते जा रहे हैं. ये हमें हर तरह की जानकारी देने में सक्षम हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन चैटबॉट्स से दवाओं की जानकारी लेना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है? जी हां, एक नए शोध में चौंकाने वाली बात सामने आई है. बेल्जियम और जर्मनी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस शोध में पाया गया कि एआई संचालित सर्च इंजन और चैटबॉट्स हमेशा दवाओं के बारे में सटीक और सुरक्षित जानकारी नहीं देते हैं, और उनके दिए गए जवाब कभी-कभी गलत या यहां तक कि हानिकारक हो सकते हैं.

यह शोध पत्र बीएमजे क्वालिटी एंड सेफ्टी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिसमें शोधकर्ताओं ने कहा है कि एआई चैटबॉट्स द्वारा दिए गए जवाबों की जटिलता को समझना कभी-कभी बहुत कठिन हो सकता है और उन्हें समझने के लिए डिग्री स्तर की शिक्षा की आवश्यकता हो सकती है. 2023 में एआई-संचालित चैटबॉट्स के आगमन के साथ सर्च इंजनों में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया, जिसमें बेहतर सर्च रिजल्ट्स और एक नए प्रकार का इंटरैक्टिव अनुभव सामने आया.

चैटबॉट के पास सिर्फ इंटरनेट की जानकारी
जर्मनी की फ्रेडरिक-अलेक्जेंडर-यूनिवर्सिटी एर्लांगेन-नूर्नबर्ग की शोधकर्ता टीम ने कहा कि चैटबॉट्स इंटरनेट पर उपलब्ध डिटेल डेटासेट पर आधारित होते हैं, जिनसे वे ट्रेन होते हैं. वे सेहत से जुड़े सवालों के जवाब को देने में सक्षम होते हैं, लेकिन उनकी जानकारी कई बार गलत या हानिकारक हो सकती है. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने देखा कि एआई-संचालित चैटबॉट वाले सर्च इंजन मरीजों के सवालों के पूरे और सटीक जवाब देने में सक्षम नहीं थे.

कैसे हुआ अध्ययन
शोधकर्ताओं ने बिंग कोपायलट चैटबॉट से अमेरिका में सबसे ज्यादा लिखी जाने वाली 50 दवाओं के बारे में जानकारी मांगी और पाया कि केवल 50 प्रतिशत सवालों के जवाब पूर्णता के साथ दिए गए थे. इसके अलावा, चैटबॉट के 26 प्रतिशत जवाब संदर्भ डेटा से मेल नहीं खाते थे और 3 प्रतिशत मामलों में जवाब पूरी तरह असंगत थे. शोध में पाया गया कि लगभग 42 प्रतिशत चैटबॉट्स के जवाबों से हल्का या मध्यम नुकसान हो सकता है, और 22 प्रतिशत मामलों में गंभीर नुकसान की संभावना थी.

चैटबॉट्स पर न करें भरोसा
शोधकर्ताओं ने जोर दिया कि मरीजों को एआई चैटबॉट्स पर पूरी तरह भरोसा करने के बजाय, अपने डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह करना चाहिए, क्योंकि एआई चैटबॉट्स हमेशा सटीक और सुरक्षित जानकारी नहीं दे सकते.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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