कई औषधीय गुणों से भरपूर है करेला. इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स के साथ ही फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी भी होता है और इसमें कैलोरीज भी बेहद कम होती हैं. इसलिए अगर आप वजन घटाने की सोच रहे हैं तो करेले को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं. साथ ही डायबिटीज के मरीजों के लिए भी करेला बेहद फायदेमंद है. लिहाजा अगली बार जब आपकी मम्मी करेले की सब्जी बनाएं तो नाक-मुंह बनाने की बजाए उसे स्वाद लेकर खाएं.
मेथी का दाना यूं ही कच्चा खाना हर किसी के बस की बात नहीं क्योंकि इसका स्वाद बेहद कड़वा होता है. लेकिन यह कड़वा मेथी दाना भी ढेरों मिनरल्स, विटामिन्स और घुलनशील डाइट्री फाइबर से भरपूर होता है जो कब्ज से रात दिलाने में मदद करता है. आयुर्वेद में ब्लड शुगर लेवल में सुधार कर इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए मेथी दाना खाने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा बैड कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद करता है मेथी दाना.
ज्यादातर कड़वे फूड्स की ही तरह कॉफी में भी पॉलिफेनॉल्स पाए जाते हैं. यह एक तरह का एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर में होने वाले ऑक्सिडेटिव डैमेज से बचाता है और हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी बीमारियों के खतरे को भी कम करता है. कई रिसर्च और स्टडीज में भी यह बात सामने आ चुकी है कि रोजाना 1 कप कॉफी पीने से डायबिटीज, कैंसर और हार्ट डिजीज के खतरे को कम किया जा सकता है. कॉफी फायदेमंद है इसका मतलब ये नहीं कि आप दिनभर कॉफी ही पीते रहें. सीमित मात्रा में सेवन करने से ही फायदा होगा. कॉफी का कड़वा स्वाद ही फायदेमंद है. इसमें दूध, चीनी या क्रीम मिलाकर इसका स्वाद बदलने की कोशिश न करें.
इन दिनों दुनियाभर में सबसे ज्यादा पॉप्युलर ड्रिंक के तौर पर ग्रीन टी का ही नाम लिया जाता है. ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन और पॉलिफेनॉल की वजह से इसका स्वाद प्राकृतिक रूप से थोड़ा सा कड़वा होता है. ग्रीन टी सिर्फ वजन घटाने में ही मदद नहीं करती बल्कि इसके कई और फायदे भी हैं. ग्रीन टी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स कई तरह के कैंसर को रोकने में मदद करते हैं और हार्ट अटैक के खतरे से भी बचाते हैं. लेकिन यहां पर क्वॉन्टिटी का ध्यान रखना जरूरी है.
ग्रीन टी की ही तरह एपल साइडर विनेगर यानी सेब का सिरका भी इन दिनों काफी पॉप्युलर हो गया है. इसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं जो वजन घटाने में मदद करने के साथ ही बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और हानिकारक बैक्टीरिया को भी मारने में मदद करता है. लेकिन रोजाना 1 से 2 चम्मच से ज्यादा सेब के सिरके का सेवन न करें.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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