अमीर नहीं, गरीब बच्चों में मोटापे का ज्यादा खतरा
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अमीर नहीं, गरीब बच्चों में मोटापे का ज्यादा खतरा

आम तौर पर कहा जाता है कि समृद्ध बच्चों में खान-पान की गलत आदतों के कारण मोटापा बढ़ता है, लेकिन एक नए शोध से सामने आया है कि गरीब बच्चे मोटापे से ज्यादा ग्रस्त होते हैं। शोधकर्ताओं ने बच्चों के व्यवहारों और पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया।

अमीर नहीं, गरीब बच्चों में मोटापे का ज्यादा खतरा

लंदन: आम तौर पर कहा जाता है कि समृद्ध बच्चों में खान-पान की गलत आदतों के कारण मोटापा बढ़ता है, लेकिन एक नए शोध से सामने आया है कि गरीब बच्चे मोटापे से ज्यादा ग्रस्त होते हैं। शोधकर्ताओं ने बच्चों के व्यवहारों और पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया।

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वरिष्ठ लेखक युवान केली के अनुसार, बच्चों के प्रारंभिक वर्षो में परिवार द्वारा बच्चों के विकास पर अत्यधिक ध्यान देना उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। वैज्ञानिकों ने यूके के लगभग 20 हजार परिवारों का आकलन किया और इस अध्ययन के मापन के लिए उन्होंने पहले पांच साल की आयु के बच्चों का परीक्षण किया। फिर उन्हीं बच्चों का 11 साल की उम्र में परीक्षण किया। इस शोध के दौरान पांच साल की उम्र के गरीब और समृद्ध बच्चों में तुलनात्मक अध्ययन किया गया, जिससे पता चला कि गरीब बच्चों में मोटापे का खतरा उनसे समृद्ध साथियों की तुलना में दो गुना ज्यादा था।

वहीं, जब इन बच्चों का 11 साल की उम्र में अध्ययन किया गया तो यह अंतर तीन गुना बढ़ गया। गरीब बच्चों में हर पांचवा बच्चा मोटापे से ग्रस्त था और यह आंकड़ा 7.9 प्रतिशत देखा गया। वहीं इनके अन्य समृद्ध साथियों में यह आंकड़ा 2.9 प्रतिशत था। इस शोध से पता चला कि वजन घटाने के लिए सप्ताह में तीन बार खेलकूद गतिविधियों में भाग लेना भी सुबह जल्दी उठने और नियमित तौर पर फलों के सेवन करने जितना ही महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था के दौरान हालांकि धूम्रपान का सेवन और मां का वजन या (बीएमआई) बॉडी मास इंडेक्स भी नकारात्मक तौर पर बच्चे को प्रभावित करता है। यह शोध ‘यूरोपियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

 

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