पिछले 20 साल के अंदर Rectum कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ी
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पिछले 20 साल के अंदर Rectum कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ी

पश्चिम की तरफ ही मलाशय का कैंसर हमारे देश में बड़ी समस्या बनती जा रही है. 

.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: शीर्ष स्वास्थ्य संस्थान के डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने शनिवार को देश में मलाशय के कैंसर के उपचार पर विचार विमर्श किया. दिन भर चली बैठक में डाक्टरों ने रोगों के निदान, पैथोलॉजी रिपोर्ट, कीमोथैरेपी, नयी शल्य चिकित्सा प्रक्रिया सहित रोबोटिक सर्जरी, रिकार्डिंग की जटिलताओं और बाद की स्थिति को चर्चा की और मानकों एवं प्रोटोकॉल पर अपने विचार साझा किए. विशेषज्ञों ने बेहतर परिणामों के लिए बहु साधन (मल्टी मॉडलिटी) पर जोर दिया.  इलाज के मानकीकरण और प्रोटोकॉल के लिए बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की पहल के तहत ‘रेक्टल ट्रीटमेंट ऑउटकम ग्रूप’ (आरसीटीओजी) का गठन किया गया.

पश्चिम की तरफ ही मलाशय का कैंसर हमारे देश में बड़ी समस्या बनती जा रही है.  पिछले दो दशकों के दौरान देश में मलाशय के कैंसर के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. यह तीसरा सबसे बड़ा कैंसर है. बीएलके सेंटर आफ डाइग्नोसिस एंड लिवर डिजीज (सीडीएलडी) के निर्देशक वीपी भल्ला ने बताया,

‘‘मलाशय के कैंसर के प्रभावी इलाज के लिए रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, जीआई सर्जनों, चिकित्सा और विकिरण आन्कोलॉजिस्ट को एक साथ आना होगा और एक रणनीति बनाना होगा.  इसे ही बहु साधन कहा जाता है. ’’इस बैठक में एम्स, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, मैक्स अस्पताल, टाटा मेमोरियल अस्पताल और सीएमसी वेल्लोर में प्रैक्टिस कर रहे करीब 50 डाक्टरों ने शिरकत की.  

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