Sleeping Problem During Night: दौड़ती-भागती और तनाव भरी जिंदगी में नींद न पूरी होना एक आम समस्या होती जा रही है. इसमें सबसे ज्यादा उन लोगों को परेशानी हो रही है, जो रात को अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं. रात की नींद पूरी होना हर किसी के लिए बेहद जरूरी है. इससे शरीर खुद को रिपेयर कर पाता है.
Trending Photos
Sleeping Problem During Night: रात की अच्छी नींद सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे जीवन खुशहाल और बीमारियों से मुक्त होता है। आज की तनाव भरी जिंदगी में अच्छी नींद दुर्लभ होती जा रही है. दरअसल, नींद एक ऐसा जैविक रिदम है, जिससे शरीर तरो-ताजा होता है, साथ ही अगले दिन के क्रियाकलाप के लिए ऊर्जा भी मिलती है. आमतौर पर माना जाता रहा है कि नींद निष्क्रिय प्रक्रिया है, लेकिन ऐसा नहीं है. नींद बहुत ही सक्रिय प्रक्रिया है। मस्तिष्क में काफी मेटाबालिज्म होता है.
नींद से जुड़ी है शारीरिक और मानसिक सेहत
अनेक अध्ययनों से यह स्पष्ट है कि दिनभर के क्रिया-कलाप के फलस्वरूप हमारे दिमाग में जो केमिकल्स निकलते हैं, उसमें से खराब अंश नींद के दौरान छोटी-छोटी नसों (जिन्हें जिलैंफेटिक्स कहते हैं) के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है. वह ब्लड सर्कुलेशन से होते हुए किडनी के जरिये पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि नींद सही ढंग से पूरी हो, क्योंकि इस पर हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत टिकी हुई है.
नींद खराब होने का कारण
आजकल कामकाज के तरीकों और शिफ्ट ड्यूटी जैसे कारणों से नींद बाधित होती है. दूसरा, एंजाइटी और डिप्रेशन जैसे कारण भी है. एंजाइटी में बिस्तर पर जाने केबाद भी नींद नहीं आती या काफी देर से आती है, जबकि डिप्रेशन में शुरू में नींद तो आ जाती है, लेकिन बीच में ही टूट जाती है. अगर नींद रात में पूरी न हो तो दिन में काम करते हुए या ड्राइविंग के दौरान या पढ़ाई-लिखाई करते हुए झपकी आती है. मानसिक स्वास्थ्य खराब होने से भी नींद खराब होती है. जिन्हें अच्छी नींद नहीं आती, उनको मानसिक बीमारियां ज्यादा होती हैं. यह बाइ-डायरेक्शनल प्रक्रिया है.
अनेक बीमारियों का कारण नींद न आना
कुछ लोगों को माइग्रेन जैसी समस्या के चलते भी नींद नहीं आती है. नींद नहीं आना यानी इन्सोमिया कई तरह की बीमारियों का कारण बन जाता है. कुछ दवाओं के सेवन से भी नींद बाधित होती है. हृदय रोगी मरीज को सांस फूलने के कारण रात में काफी देर तक जागना पड़ता है, तो सांस की परेशानी से पीड़ित व्यक्ति की भी बीच-बीच में नींद खुल जाती है.
नींद में डिस्टर्बेन्स होना
इसे पैरासोमिया कहते हैं, जिसमें नींद के दौरान लोग हरकतें करते हैं, जैसे- हाथ-पैर हिलाना, अचानक जोर से आवाज निकालना और नींद में बैठ जाना. सोते समय अचानक डर जाना या दांत चबाने जैसी हरकत करना. नींद में भले ही ऐसी समस्याएं होती हैं, लेकिन दिन में वे पूरी तरह ठीक रहते हैं. सही नींद नहीं ले पाने से आगे चलकर और भी समस्याएं आ सकती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे.