सुधा मूर्ति के दामाद और ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक नहीं खाते 36 घंटे खाना, ये हेल्थ बेनिफिट्स हैं वजह
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सुधा मूर्ति के दामाद और ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक नहीं खाते 36 घंटे खाना, ये हेल्थ बेनिफिट्स हैं वजह

Benefits Of Fasting: हाल ही में ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक ने मीडिया को बताया कि वह 36 घंटे उपवास करके अपने लाइफ स्टाइल को बैलेंस रखते हैं. यह 5:2 का इंटरमिटेंट फास्टिंग डाइट है जिसे सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है.

सुधा मूर्ति के दामाद और ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक नहीं खाते 36 घंटे खाना, ये हेल्थ बेनिफिट्स हैं वजह

भारतीय मूल के ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक सुधा मूर्ति और इंफोसिस के फाउंडर एन.नारायण मूर्ति के दामाद भी है. उन्होंने 2009 में अक्षता मूर्ति से शादी की थी. इसलिए इनकी लाइफस्टाइल से जुड़ी खबरे देश में बहुत सुर्खियां बटोरती हैं. ऐसे में हाल ही में मीडिया को ऋषि सुनक ने बताया कि वह हफ्ते के पहले दिन यानी की सोमवार को फास्ट रखते हैं. यह फास्टिंग रविवार शाम 5 बजे से शुरू होकर और मंगलवार को 36 घंटे पूरे होने तक चलती है.

अपने इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में डिटेल में बताते हुए ब्रिटिश पीएम ने यह बताया कि उपवास के दौरान वह सिर्फ लिक्विड डाइट फॉलो करते हैं. जिसमें वह सिर्फ पानी, चाय और कैलोरी फ्री ड्रिंक ही पीते हैं. ऋषि सुनक ने इसे अपने हेल्दी लाइफस्टाइल को मेंटेन रखने का तरीका बताया है. ऐसे में इसके क्या फायदे हैं यहां आपको बता रहे हैं.

क्या है 36 घंटे फास्टिंग की वजह

यह एक तरह का इंटरमिटेंट फास्टिंग है. इसमें 5 दिन लगातार खाना खाया जाता है और 2 दिन भूखा रहना होता है. या तो आप पूरी तरह से सिर्फ लिक्विड डाइट पर होते हैं. या फिर आप कम कैलोरी वाला फूड्स का चयन करना होता है. इन दिनों में आपको अपने डेली जरूरत के कैलोरी का एक तिहाई हिस्सा इनटेक करना होता है, जो महिलाओं के लिए 500 और पुरुषों के लिए 600 के लगभग होता है.

5:2 फास्टिंग के फायदे

5:2 इंटरमिटेंट फास्टिंग वेट लॉस के लिए एक कारगर डाइट प्लान होता है. इसके अलावा इसे फॉलो करने से उम्र लंबी होती है, डायबिटीज टाइप-2, कैंसर और भूलने की गंभीर बीमारी डिमेंशिया से बचाव होता है. 

कौन कर सकता है 5:2 इंटरमिटेंट फास्टिंग

5:2 आहार कुछ लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन यह सभी के लिए नहीं है. जिन लोगों को लॉ ब्लड शुगर का खतरा होता है या अगर वे नहीं खाते हैं तो आसानी से चक्कर आते हैं या थकान महसूस करते हैं तो उन्हें यह फास्टिंग नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इस तरह के उपवास से बचना चाहिए. बिना डॉक्टर के परामर्श के डायबिटीज पेशेंट, बच्चों और बूढ़ों को यह डाइट नहीं फॉलो करना चाहिए.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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