भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी इस वक्त मुश्किल घड़ी से गुजर रहे हैं. उनके स्पेसक्राफ्ट में आई तकनीकी खराबी की वजह से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंस गए हैं.
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भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी इस वक्त मुश्किल घड़ी से गुजर रहे हैं. उनके स्पेसक्राफ्ट में आई तकनीकी खराबी की वजह से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंस गए हैं और उनकी वापसी में लगातार देरी हो रही है. और अब खबरें आ रही हैं कि सुनीता के सेहत में लगातार गिरावट आ रही है. सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से सुरक्षित वापस लाने के लिए नासा के पास महज 16 दिनों का समय बचा है.
इस बीच, इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में सबसे सुरक्षित जगह पर हैं और चिंता की कोई बात नहीं है. सोमनाथ ने कहा कि सुनीता विलियम्स के अलावा, वहां आठ अन्य अंतरिक्ष यात्री हैं, जिनमें से कई लंबे समय से वहां हैं.
सुनीता विलियम्स की बिगड़ती सेहत
नासा के अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की स्वास्थ्य स्थिति उनके हालिया मिशन के दौरान बिगड़ गई है. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री लगभग एक सप्ताह के मिशन पर दो महीने से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हैं. माइक्रोग्रैविटी के लंबे समय तक संपर्क में रहने से मसल्स में कमी और हड्डियों की डेंसिटी में कमी जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्याएं हुई हैं. ये समस्याएं अंतरिक्ष यात्रियों को लंबे अंतरिक्ष मिशनों के दौरान होने वाली शारीरिक चुनौतियों को उजागर करती हैं.
सुनीता विलियम्स की आंखें खराब होने का खतरा
विशेषज्ञों ने मंगलवार को चेतावनी दी कि 50 से अधिक दिनों से अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को संभावित दृष्टि समस्याओं का खतरा हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी की स्थिति मानव शरीर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है, जिसमें आंखें भी शामिल हैं. यदि उचित देखभाल नहीं की जाती है तो माइक्रोग्रैविटी के लंबे समय तक संपर्क में रहने से अक्सर स्थायी दृष्टि हानि हो सकती है.
हड्डियों की डेंसिटी में कमी
50 से अधिक दिनों तक फंसे सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर दोनों ही महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, विशेष रूप से ऑस्टियोपोरोसिस के समान तेजी से हड्डियों के डेंसिटी में कमी, क्योंकि हड्डियां माइक्रोग्रैविटी में वजन का भार नहीं उठाती हैं. नासा के सामने अब एक बड़ी चुनौती है कि वह इन अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से वापस लाए और उनकी सेहत का ध्यान रखे. पूरी दुनिया इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है.