ज्यादा व्यायाम करना भी है हानिकारक, कम हो सकती है जिंदगी; जानिए रोज कितनी एक्सरसाइज करनी चाहिए
Advertisement
trendingNow11424946

ज्यादा व्यायाम करना भी है हानिकारक, कम हो सकती है जिंदगी; जानिए रोज कितनी एक्सरसाइज करनी चाहिए

Heavy workout: एक शोध ने साप्ताहिक व्यायाम और मृत्यु दर के परिणामों के बीच संबंधों की जांच की, जिसमें पाया गया है कि ज्यादा एक्सरसाइज से जीवनकाल छोटा हो सकता है. आइए जानें कैसे.

प्रतिकात्मक तस्वीर

यदि आप लोगों को पार्क, जिम या सोशल मीडिया वीडियो पर वर्कआउट करते हुए देखते हैं, तो आप पाएंगे कि वे हमेशा अधिक तीव्रता और लंबे टाइम के लिए खुद को वर्कआउट करने के लिए प्रेरित करते हैं. फिटनेस लेवल के टॉप पर बने रहने के लिए किसी की सहनशक्ति और क्षमता को बढ़ाना एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है, हालांकि क्या आप इस हद तक सीमा पार कर सकते हैं कि इससे आपको अब कोई फायदा नहीं होगा? इसका जवाब है हां. ज्यादा एक्सरसाइज करने से जोड़ों व दिल की समस्याएं भी हो सकती हैं और आपकी मौत भी हो सकती है.

मेयो क्लिनिक प्रोसीडिंग्स नामक पत्रिका में प्रकाशित 2021 के एक शोध ने साप्ताहिक व्यायाम और मृत्यु दर के परिणामों के बीच संबंधों की जांच की. लगभग 9,000 युवाओं के लॉन्ग टर्म डेटा का उपयोग करते हुए, अध्ययन में पाया गया कि ज्यादा मात्रा में हफ्ते भर की स्पोर्ट ट्रेनिंग (कार्डियो, बॉल स्पोर्ट्स, वेटलिफ्टिंग, आदि) से शुरू में मृत्यु दर में बड़ी गिरावट आई. हालांकि वे फायदे उन लोगों के लिए वापस आना शुरू हो गए, जिन्होंने हर हफ्ते 4.5 घंटे से अधिक समय तक कड़ी मेहनत की. 

बहुत अधिक व्यायाम दिल को नुकसान पहुंचा सकता है
एक अन्य शोध में पाया गया कि बहुत अधिक व्यायाम दिल को नुकसान पहुंचा सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि हैवी वर्कआउट व्यायाम धमनी सख्त और मोटा होने के कई रूपों से जुड़ा था. ज्यादा कसरत के इस स्तर ने एंजाइमों में असंतुलन को भी बढ़ावा दिया, जो दिल के संकुचन और विश्राम को नियंत्रित करते हैं.

धावकों के बीच खतरा
यदि आप एक धावक (runner) हैं या बनने के इच्छुक हैं, तो यह शोध आपके लिए है. 2015 में एक रिसर्च में पाया गया कि हर हफ्ते 60 मिनट और 2.4 घंटे के बीच दौड़ने वालों की मृत्यु दर सबसे अच्छी थी. हालांकि, अधिक दौड़ने वालों में लाभ कम होने लगा. उसी रिसर्ट में धावकों के बीच एक समान यू-आकार का जोखिम वक्र पाया. उनकी चौंकाने वाली खोज यह है कि सबसे जोरदार धावक (जो हर हफ्ते चार या अधिक घंटे के लिए कम से कम 7 मील प्रति घंटे की गति से दौड़ते थे) उनकी मृत्यु दर गतिहीन युवाओं के बराबर थी, जो बिल्कुल नहीं दौड़ते थे. अध्ययन में लिखा था कि लंबे समय तक कठोर सहनशक्ति अभ्यास दिल और बड़ी धमनियों की बीमारियों को प्रेरित कर सकता है.

कितना व्यायाम करना चाहिए?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक टीम ने एक नए अध्ययन में पाया कि व्यायाम से जुड़े अधिकांश मृत्यु लाभ के लिए दैनिक व्यायाम के घंटों की आवश्यकता नहीं होती है. जोरदार व्यायाम (जैसे दौड़ना, तैरना, साइकिल चलाना आदि) हर हफ्ते 75-150 मिनट करना चाहिए. वहीं, लाइट वर्कआउट हर हफ्ते 150 मिनट करनी चाहिए. इससे आपको अच्छे स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे और आप लंबी जिंदगी जी सकेंगे.

Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

Trending news