सर्दियों का मौसम में हम सर्दी-जुकाम, खांसी-बुखार जैसी बीमारियों से बचने के उपाय ढूंढने लगते हैं, लेकिन कई बार हम एक खामोश खतरे को नजरअंदाज कर देते हैं, वो है विटामिन डी और बी12 की कमी.
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सर्दियों का मौसम में हम सर्दी-जुकाम, खांसी-बुखार जैसी बीमारियों से बचने के उपाय ढूंढने लगते हैं, लेकिन कई बार हम एक खामोश खतरे को नजरअंदाज कर देते हैं, वो है विटामिन डी और बी12 की कमी. ये पोषक शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन सर्दियों में इनकी कमी तेजी से बढ़ जाती है. इसका नतीजा होता है बार-बार होने वाले संक्रमण, थकान, कमजोरी और धीमी रिकवरी.
आइए जानें कि सर्दियों में विटामिन डी और बी12 की कमी क्यों बढ़ती है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
विटामिन डी: सूरज की रौशनी का उपहार
विटामिन डी मुख्य रूप से सूर्य की रोशनी के संपर्क से बनता है. सर्दियों में जब सूरज की रोशनी कम होती है, शरीर में विटामिन डी का प्राकृतिक उत्पादन घट जाता है. इसके अलावा, गहरे रंग के कपड़े पहनने और घर के अंदर ज्यादा समय बिताने से भी विटामिन डी की कमी हो सकती है. विटामिन डी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए तो जरूरी है ही, लेकिन यह इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है. इसकी कमी से सर्दी-खांसी, फ्लू और यहां तक कि ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
विटामिन बी12: एनर्जी का जरिया
विटामिन बी12 शरीर में रेड ब्लड सेल्स के निर्माण और नर्वस सिस्टम को अच्छे ढंग से काम करने के लिए महत्वपूर्ण है. यह एनर्जी मेटाबॉलिज्म में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस विटामिन की कमी थकान, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और मूड में बदलाव जैसे लक्षण पैदा कर सकती है. सर्दी के मौसम में, जब शरीर पहले से ही कमजोर होता है, विटामिन बी12 की कमी इन लक्षणों को और बढ़ा सकती है. इसके अलावा, यह इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर सकता है.
कमी को कैसे दूर करें?
- सुबह की हल्की धूप में 15-20 मिनट बैठने से विटामिन डी का निर्माण बढ़ता है.
- विटामिन डी से भरपूर भोजन जैसे- मशरूम, अंडे, फैटी फिश और विटामिन डी फोर्टिफाइड दूध का सेवन बढ़ाएं. विटामिन बी12 के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स, मांस, अंडे और फोर्टिफाइड फूड्स शामिल करें.
- डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी और बी12 सप्लीमेंट्स लेने पर विचार करें.
- नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव कम करने के उपाय अपनाएं. इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और पोषक तत्वों का अब्जॉर्ब बेहतर होता है.
इन बातों का रखें ध्यान
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सप्लीमेंट्स केवल डाइट का विकल्प नहीं हैं. हमेशा एक बैलेंस डाइट बनाए रखना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी सप्लीमेंट का सेवन नहीं करना चाहिए. इस सर्दी में, इन 'साइलेंट किलर' विटामिनों की कमी को समझ कर और बचाव के उपाय अपनाकर, आप हेल्दी और तंदुरुस्त रह सकते हैं. याद रखें, थोड़ा सा ध्यान आपके पूरे मौसम को खुशनुमा बना सकता है.