Silent Heart Attack Warning Signs: साइलेंट हार्ट अटैक की ट्रीटमेंट में देरी करना खतरनाक हो सकता है, इसलिए कुछ वॉर्निंग साइन को नजरअंदाज करना खतरे से खेलना साबित हो सकता है.
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What Are The Symptoms Of Silent Heart Attack: साइलेंट हार्ट अटैक को साइलेंट मायोकार्डियल इंफार्कशन (Silent Myocardial Infarction) या एसएमआई (SMI) कहा जाता है, ये एक ऐसा दिल का दौरा है जो आमतौर पर बेचैनी और चेस्ट पेन से शुरू होता है. ये एक ऐसा मेडिकल कंडीशन है जिसे अक्सर आसानी से डिटेक्ट करना मुश्किल होता है, लेकिन फिर भी हम सतर्क होकर बचाव कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि हमें साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षणों को कैसे कैसे पहचानना है.
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण
1. सीने में बेचैनी
टिपिकल हार्ट अटैक में चेस्ट पेन काफी तेज होता है, लेकिन साइलेंट हार्ट अटैक होने पर सीने में हल्की सी बेचैनी महसूस होती है. अगर रुक-रुक कर जकड़न, सिकुड़न या हल्का दर्द हो तो ये इनडाइजेशन या मसल पेन भी हो सकता है, इसे एसएमआई से कंफ्यूज न करें.
2. सांस लेने में तकलीफ
अगर आपको सीढ़ी चढ़ने के वक्त या हल्की फुल्की फिजिकल एक्टिविटीज के दौरान सांस लेने में तकलीफ होने लगे तो ये अच्छे इशारे नहीं हैं, ये साइलेंट मायोकार्डियल इंफार्कशन के लक्षण हो सकते हैं.
3. थकान
अगर आप कम फिजिकल एक्टिविटीज और 8 घंटे की नींद लेने के बाद भी थकान महसूस कर रहे हैं तो ये साइलेंट हार्ट अटैक का इशारा हो सकता है. इसलिए अगर आप अचानक थककर चूर हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इसकी वजह तलाशें.
4. अचानक पसीना आना
कड़ी मेहनत या गर्मी की धूप में तो पसीना आना बेहद नॉर्मल है, लेकिन अगर सुहाने मौसम और कोल्ड टेम्प्रेचर में भी पसीना बहने लगे तो ये साइलेंट हार्ट अटैक के खतरे को बयान करता है.
5. नींद लेने में दिक्कत
साइलेंट हार्ट अटैक आपकी सुकून भरी नींद में खलल डाल सकते हैं. इसके कारण आपका स्लीपिंग पैटर्न डिस्टर्ब हो जाता है, जिसकी वजह से आप रात में बार-बार जागते हैं और नींद लाने की कोशिश में करवटें बदलते हैं.
6. एग्जाइटी
साइलेंट हार्ट अटैक हमारे मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा नहीं होता, अगर आपको एग्जाइटी, दिमागी तौर पर बेचैनी महसूस हो रही है है तो ये फिक्र का सबब है, जिसे जल्द दूर किया जाना चाहिए.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.