लिवर कैंसर का क्या है सबसे बड़ा कारण? डॉक्टरों ने किया खुलासा, इन संकेतों को न करें इग्नोर
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लिवर कैंसर का क्या है सबसे बड़ा कारण? डॉक्टरों ने किया खुलासा, इन संकेतों को न करें इग्नोर

लिवर कैंसर भारत में तेजी से बढ़ रहा है और यह मौत का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है. यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है.

लिवर कैंसर का क्या है सबसे बड़ा कारण? डॉक्टरों ने किया खुलासा, इन संकेतों को न करें इग्नोर

लिवर कैंसर, दुनिया भर में मौत का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है. यह एक गंभीर बीमारी है जो तेज़ी से बढ़ सकती है और जानलेवा भी हो सकती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लिवर कैंसर के पीछे कई कारण हो सकते हैं? इनमें से कुछ कारणों को हम अपनी लाइफस्टाइल और आदतों से कंट्रोल कर सकते हैं, जबकि कुछ कारणों पर हमारा कंट्रोल नहीं होता है. आज इस लेख में, हम लिवर कैंसर के सबसे बड़े कारणों के बारे में बात करेंगे और साथ ही उन खतरनाक संकेतों के बारे में भी बताएंगे जिनको कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

मोटापा आज के समय में एक गंभीर समस्या बन चुकी है. इससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. इनमें से एक है लिवर कैंसर. एक नए अध्ययन के अनुसार, मोटापा लिवर कैंसर का सबसे बड़ा कारण है.

मोटापा कैसे बढ़ाता है लिवर कैंसर का खतरा
एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल (सोनीपत) में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. दिनेश सिंह बताते हैं कि मोटापे के कारण शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जिससे लिवर पर दबाव पड़ता है. इससे फैटी लिवर की समस्या हो सकती है, जो आगे चलकर लिवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बन सकती है. इसके अलावा, मोटापे से शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है, जो लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ाता है.

लिवर कैंसर के लक्षण
एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल (सोनीपत) में रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट की सीनियर कंसेल्टेंट डॉ. बबीता सिंह ने कहा कि लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षणों में ध्यान न देने की गलती न करें. अगर आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
* बिना कारण वजन कम होना
* भूख कम लगना
* पेट में दर्द
* मतली और उल्टी
* अक्सर थकान महसूस होना
* त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)

लिवर कैंसर से बचाव के उपाय
* अपना वजन कंट्रोल में रखें.
* बैलेंस डाइट लें.
* नियमित व्यायाम करें.
* शराब का सेवन कम करें.
* हेपेटाइटिस बी और सी के टीके लगवाएं.
* नियमित चेकअप करवाएं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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