चंद्रयान-3 प्रक्षेपण यान का एक हिस्सा हुआ अनियंत्रित, धरती के वातावरण में फिर से किया प्रवेश
Advertisement
trendingNow11961361

चंद्रयान-3 प्रक्षेपण यान का एक हिस्सा हुआ अनियंत्रित, धरती के वातावरण में फिर से किया प्रवेश

Chandrayaan-3: इसरो ने कहा, ' यह रॉकेट बॉडी LVM-3 M4 लॉन्च व्हीकल का हिस्सा थी.' यह 14:42 IST के आसपास पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश कर गया.’ रॉकेट बॉडी का दोबारा प्रवेश इसके प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर हुआ. 

चंद्रयान-3 प्रक्षेपण यान का एक हिस्सा हुआ अनियंत्रित, धरती के वातावरण में फिर से किया प्रवेश

Chandrayaan 3 Launch Vehicle: इस साल 14 जुलाई को चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने वाले LVM-3 M4 प्रक्षेपण यान का ‘क्रायोजेनिक’ ऊपरी हिस्सा बुधवार को पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से दोबारा प्रवेश कर गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बयान में कहा, 'उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर संभावित प्रभाव बिंदु की भविष्यवाणी की गई थी. अंतिम ग्राउंड ट्रैक (किसी ग्रह की सतह पर किसी विमान या उपग्रह के प्रक्षेप पथ के ठीक नीचे का पथ) भारत के ऊपर से नहीं गुजरा.'

प्रक्षेपण के 124 दिन बाद हुआ दोबारा प्रवेश
इसरो ने कहा, ' यह रॉकेट बॉडी LVM-3 M4 लॉन्च व्हीकल का हिस्सा थी.' यह 14:42 IST के आसपास पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश कर गया.’ रॉकेट बॉडी का दोबारा प्रवेश इसके प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर हुआ.

इसरो ने कहा, 'इस प्रकार, LVM3 M4 क्रायोजेनिक अपर स्टेज का मिशन के बाद का ऑर्बिटल लाइफटाइम लो-अर्थ की ऑर्बिट की वस्तुओं के लिए '25-वर्षीय नियम' के अनुरूप है, जैसा कि इंटर-एजेंसी स्पेस डेब्रिस कोऑर्डिनेशन कमेटी (IADC),द्वारा अनुशंसित है.'

यह कहा गया कि चंद्रयान -3 इंजेक्शन के बाद, संयुक्त राष्ट्र और आईएडीसी द्वारा निर्धारित अंतरिक्ष मलबे शमन दिशानिर्देशों के अनुसार आकस्मिक विस्फोटों के जोखिम को कम करने के लिए सभी अवशिष्ट प्रणोदक और ऊर्जा स्रोतों को हटाने के लिए अपर स्टेज को भी 'निष्क्रिय' किया गया था.'

और क्या कहा इसरो ने?
इसरो ने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत दिशानिर्देशों के अनुपालन में इस रॉकेट बॉडी की निष्क्रियता और मिशन के बाद निपटान एक बार फिर बाहरी अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.'

बता दें चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (शार), श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे हुआ था.  यह यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार शाम 06:04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक उतरा.  इसी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया.

Photo courtesy: isro.gov.in

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news