खिलाडि़यों की अनदेखी के मामले सामने आते रहते हैं और उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक भारतीय पैरा-एथलीट कंचनमाला पांडे को बर्लिन में भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि सरकार द्वारा सहायता राशि उसके पास नहीं पहुंच पाई थी.
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नई दिल्ली: खिलाडि़यों की अनदेखी के मामले सामने आते रहते हैं और उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक भारतीय पैरा-एथलीट कंचनमाला पांडे को बर्लिन में भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि सरकार द्वारा सहायता राशि उसके पास नहीं पहुंच पाई थी.
वैसे तो पैरा एथलीट कंचनमाला पांडे आंखों से तो नहीं देख सकती, लेकिन तैरती बखूबी है. भारत की ओर से उन्हें बर्लिन वर्ल्ड पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भेजा गया था, लेकिन उन्हें इस सफर पर सरकार और अथॉरिटी की गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा.
दरअसल कंचनमाला और पांच अन्य पैरा एथलीट्स को जर्मनी पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भेजा गया था, लेकिन सरकार द्वारा भेजी गई सहायता राशि उन तक नहीं पहुंची. पैसा न होने के कारण उन्हें अनजान शहर में भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा.
भारतीय शूटर अभिनव बिंद्रा ने ट्विटर पर इस घटना की आलोचना की और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री विजय गोयल से हस्तक्षेप करने की भी मांग की.
This is UNACCEPTABLE. People must be held accountable. @VijayGoelBJP @narendramodi https://t.co/dBIrey8TYR
— Abhinav Bindra (@Abhinav_Bindra) 12 July 2017
गौरतलब है कि कंचन एस 11 कैटेगरी की तैराक हैं. वह फ्री स्टाइल, बैक स्ट्रोक, ब्रेस्ट स्ट्रोक सभी प्रकार से तैर सकती हैं. इस साल भारत की ओर से वर्ल्ड पैरा स्विमिंग चैंपियनशीप में क्वालिफाई करने वाली अकेली महिला हैं.
खिलाड़ियों के साथ हुई इस अनदेखी के लिए पीसीआई ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को दोषी ठहराया है.
I've instructed my Ministry to verify the facts of this epsiode and then comment on the matter. https://t.co/1jPUIEUuHw
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) 12 July 2017
वहीं इन हालातों में भी कंचन और सुयाश जाधव ने हार नहीं मानी और दोनों ने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता और वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया.