आदर्श घोटाला : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को बड़ी राहत, नहीं चलेगा मुकदमा
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आदर्श घोटाला : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को बड़ी राहत, नहीं चलेगा मुकदमा

आदर्श हाउसिंग सोसायटी की 31 मंजिला इमारत में 102 फ्लैट हैं. प्रत्येक फ्लैट की कीमत 10 करोड़ के आसपास है, जबकि बनाते समय प्रति सदस्य सिर्फ 85 लाख के करीब खर्च आया था.

राज्यपाल ने चव्हाण पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चलाने को मंजूरी दी थी

मुंबई : महाराष्ट्र के चर्चित आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के खिलाफ केस चलाए जाने की मांग को खारिज कर दिया है. इस मामले में अशोक चव्हाण को आरोपी बनने के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को मुंबई हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दिया. अशोक चव्हाण ने कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए इस सच्चाई की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन्हें प्लानिंग के तहत उन्हें इस मामले में फंसाया गया था.  इस घोटाला की नींव फरवरी 2002 में रखी गई थी. मुम्बई के पॉश इलाके कोलाबा में कारगिल युद्ध में काम करने वाले सेना से रिटायर हुए तथा कार्यरत लोगों के लिए घर मुहैया कराने के मकसद से 31 मंजिला इमारत बनाई गई थी. इस 31 मंजिला इमारत में 102 फ्लैट हैं. प्रत्येक फ्लैट की कीमत 10 करोड़ के आसपास है, जबकि बनाते समय प्रति सदस्य सिर्फ 85 लाख के करीब खर्च आया था.

  1. मुंबई में सेना के लोगों के लिए बनी थी आदर्श सोसायटी
  2. कोलाबा में 31 मंजिला सोसायटी में बने थे 102 फ्लैट्स
  3. फ्लैट्स के आवंटन में हुई धांधली, नेताओं ने लिए फ्लैट

आरोप है कि इस सोसायटी में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण समेत कई बड़े राजनेता, नौकरशाह, सेना के अधिकारी आदि ने मिलकर नियमों को तोड़-मरोड़ कर कौड़ियों के दाम पर अपने-अपने नाम से इसमें फ्लैट लिए. खुलासा होने पर चव्हाण को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था. बाद में सीबीआई द्वारा की गई जांच में रिपोर्ट में आदर्श सोसायटी को पूर्व मुख्यमंत्रियों विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे और अशोक चव्हाण, पूर्व राजस्व मंत्री शिवाजीराव पाटिल, पूर्व शहरी विकास मंत्री सुनील तटकरे और पूर्व शहरी विकास मंत्री राजेश टोपे का राजनीतिक संरक्षण हासिल था. अशोक चव्हाण ऐसे अकेले मुख्यमंत्री थे, जिन्हें सीबीआई द्वारा घोटाले में आरोपी बनाया. 

शुक्रवार को बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने इस घोटाले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर मुकदमा चलाने की राज्यपाल की मंजूरी को रद्द कर दिया. चव्हाण ने इस मामले में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव द्वारा सीबीआई को उन पर मुकदमा चलाए जाने की अनुमति देने के फैसले को चुनौती दी थी. राज्यपाल ने पिछले साल फरवरी अशोक चव्हाण पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के साथ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी से संबंधित आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चलाने को मंजूरी दी थी. 

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