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J&K Congress Leaders Resign: गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ते ही पार्टी की राज्य में जमीन कमजोर हो गई है. आज सिर्फ गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा नहीं दिया बल्कि अन्य 5 नेताओं ने भी इस्तीफा दिया. जी. एम. सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ये 5 वो नेता हैं जिन्होंने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
जम्मू-कश्मीर: जी. एम. सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी और चौधरी मोहम्मद अकरम ने "गुलाम नबी आजाद के समर्थन में" कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। pic.twitter.com/YtAEv6iLtI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2022
पार्टी के वर्क कल्चर से आहत हुए आजाद
आपको बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफा देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम 5 पन्नों का लेटर जारी किया है. इस लेटर में राहुल गांधी को निशाने पर लिया गया है. उन्होंने कहा 'कांग्रेस संघर्ष और सही दिशा में लड़ाई लड़ने की इच्छाशक्ति खो चुकी है. ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस को देशभर में जोड़ने की कवायद की जानी चाहिए थी.
दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद जब उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था, उन्होंने कांग्रेस के कार्य करने के तौर-तरीकों को खत्म कर दिया. उन्होंने संपूर्ण सलाहकार तंत्र को ध्वस्त कर दिया. इसके साथ ही राहुल का प्रधानमंत्री द्वारा जारी किया गया अध्यादेश फाड़ना उनकी अपरिवक्ता दिखाता है. इससे 2014 में हार का सामना करना पड़ा.
'G-23 नेताओं को किया गया अपमानित'
आजाद ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का इस्तीफा भेजा, हालांकि इसी बीच जानकारी सामने आ रही है कि आजाद अपनी नई राजनितिक पार्टी बनाएंगे. गुलाम नबी आजाद ने अपने त्याग पत्र में पार्टी को बर्बाद करने के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि अध्यक्ष पद के लिए वह ऐसे व्यक्ति को चुनेंगे जो बस कठपुतली बनकर रहे और पर्दे के पीछे सारे निर्णय वह खुद ही लें. आजाद ने आरोप लगाया कि 2020 में पार्टी में सुधार की मांग करने वाले जी-23 नेताओं को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में गाली दी गई, अपमानित किया गया और बदनाम किया गया.
आजाद ने लगाए गंभीर आरोप
अपने त्याग पत्र में उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, कांग्रेस पार्टी में स्थिति ऐसी हो गई है कि अब पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए प्रॉक्सी का सहारा लिया जा रहा है. यह प्रयोग निश्चित रूप से विफल होगा. पार्टी इस तरह बर्बाद हो गई है कि स्थिति हाथ से निकल गई है. इसके अलावा, 'चुना हुआ अध्यक्ष' एक कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को और राज्य स्तर पर क्षेत्रीय दलों को स्थान दिया है.
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