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नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बड़े बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को 7 अक्टूबर तक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की हिरासत में भेज दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) सभी 8 आरोपियों के घरों की तलाशी ले सकती है. हालांकि इस बारे में NCB की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ड्रग्स मामले में गिरफ्तारी की स्थिति में NDPS कानून में हर आरोपी के घर की तलाशी का प्रावधान है.
एनसीबी चीफ एसएन प्रधान के मुताबिक एजेंसी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. इस सिलसिले में बड़े पैमाने पर ऐसी रेव और नाइट पार्टी के आयोजकों से लेकर ड्रग पैडलर्स के ठिकानों तक हर उस जगह को तलाश रही है जहां से उसे पुख्ता सबूत मिल सकते हैं. वहीं दूसरी ओर एनसीबी के अधिकारी आर्यन खान के अलावा दिल्ली से तालुख रखने वाली मुनमुन धमेचा और नूपुर सारिका समेत उन सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है जिनका देश की राजधानी दिल्ली से सीधा कनेक्शन है.
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से एनसीबी लगातार सुर्खियों में है. माया नगरी के ड्रग्स कनेक्शन को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस बीच एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) की बात करें तो सरकार और कानून से मिली शक्तियों के मुताबिक अवैध तरीके से ड्रग्स रखने के मामले में कई तरह से कार्रवाई की जा सकती है.
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हालांकि इस एक्ट में अब तक 4 बार बदलाव हो चुका है. नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस यानी एनडीपीएस ACT के तहत अलग-अलग सजा के प्रावधान हैं. इसमें धारा 15 के तहत एक साल, धारा 24 के तहत 10 की सजा व एक लाख से दो लाख रुपए तक का जुर्माना और धारा 31ए के तहत मृत्युदंड तक का प्रावधान है.
1. मुनमुन धमेचा : मुनमुन धमेचा पर भी मुंबई की पार्टी में ड्रग्स लेने का आरोप है. आपको बता दें कि मुनमुन धमेचा दिल्ली बेस्ड मॉडल हैं जो बड़े ब्रांड के लिए मॉडलिंग करती हैं. मुनमुन मध्य प्रदेश के सागर (Sagar) जिले की रहने वाली हैं, लेकिन दिल्ली में उनका निवास स्थान है. इसलिए संभव है कि उनके दिल्ली स्थित ठिकाने की तलाशी हो सकती है.
2. नूपुर सारिका : मुंबई मामले की दूसरी आरोपी नूपुर का दिल्ली में बिजनेस है. पार्टी में वह किसके जरिए पहुंचीं, NCB अब इसकी जांच कर रही है. इसी सिलसिले में नूपुर के दिल्ली वाले रेजिडेंस की तलाशी हो सकती है.
3. गोमीत चोपड़ा : दिल्ली से कनेक्शन रखने वालों में गोमीत चोपड़ा का भी नाम शामिल है. दिल्ली के योजना विहार के रहने वाले गोमीत जाने-माने हेयर स्टाइलिस्ट हैं.
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4. इश्मित सिंह : दिल्ली निवासी इश्मित चड्ढा भी बड़े कारोबारी हैं. इश्मित पार्टी में कैसे गए, इसका खुलासा भी होना बाकी है. हालांकि एनसीबी के राडार पर हैं इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि इश्मित के घर की भी तलाशी ली जाए.
5. मोहक जायसवाल : मोहक जायसवाल भी दिल्ली के बड़े कारोबारी हैं. मोहक का दिल्ली में ही घर है, जिसकी कभी भी तलाशी ली जा सकती है. फिलहाल, एनसीबी मोहक से भी पूछताछ कर रही है.
6. विक्रांत छोकर : विक्रांत दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में प्रोडक्टिविटी हेड हैं. इसलिए दिल्ली कनेक्शन को लेकर इनके खिलाफ भी एनसीबी की जांच जारी है.
दरअसल दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने राजधानी में ड्रग्स की तस्करी के डीप एनलिसिस के बाद हुई कार्रवाई के आधार पर 15 'हॉट स्पॉट' चिन्हित किए हैं. पहले ड्रग्स की छिटपुट सेल के लिए दिल्ली के सिर्फ दो-चार इलाके बदनाम थे लेकिन अब पहाड़गंज, सुल्तानपुरी, जहांगीरपुरी, सागरपुर, उत्तम नगर, लक्ष्मी नगर, नंद नगरी, द्वारका, इंद्रपुरी, छतरपुर, निजामुद्दीन, मजनूं का टीला, कल्याणपुरी, हौज खास गांव और खानपुर का नाम भी उन लोकेशंस में शामिल है जहां थोड़ी बहुत मशक्कत करने पर आपका सामना किसी ड्रग पैडलर से हो सकता है.
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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अधिकारियों के मुताबिक लेट नाइट रेव पार्टियों में अब ज्यादातर सिंथेटिक ड्रग्स की मांग बढ़ी है. बीते 2 साल में नशीली दवाओं पर आधारित ड्रग तस्करी में करीब 25% का इजाफा हुआ है. अब तक कोकेन और हेरोइन का सेवन करने वाले यूथ अब मेथ, एलएसडी और म्याऊं-म्याऊं को पसंद कर रहे हैं. कोकेन प्लांट से तैयार एक कुदरती नशा है, जबकि मेथ और म्याऊं-म्याऊं लैबोरेट्री में केमिकल्स से बनती हैं. वहीं पार्टी ड्रग्स के रूप में महशूर हो रहे सामान में मेथ, LSD और मिथाइलीनडाइऑक्सी/ मेथैमफेटामाइन का चलन बढ़ा है.
एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा और जुर्माना ड्रग्स की मात्रा और अपराध के हिसाब से बदलता रहता है. जैसे- ड्रग्स की छोटी मात्रा के मामले में 1 साल, कमर्शियल मात्रा के मामले में 20 साल और छोटी और कमर्शियल के बीच की मात्रा में 10 साल के हिसाब से सजा दी जाती है. वहीं अगर ड्रग्स का इस्तेमाल किसी आपराधिक साजिश के तहत किया जा रहा हो जैसे किसी को मरने के लिए उकसाना या किसी का फायदा उठाने के लिए उसे ड्रग्स का आदी बनाने जैसे केस में तो मौत की सजा का भी प्रावधान है.
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एमडीएमए की 0.5 ग्राम यानी आधे ग्राम की मात्रा को छोटी मात्रा माना जाता है. जबकि 10 ग्राम को कारोबार करने लायक मात्रा माना जाता है. इसी तरह हेरोईन की 5 ग्राम की मात्रा को छोटी मात्रा की कैटेगरी में रखा जाता है. जबकि 250 ग्राम को कारोबारी मात्रा की कैटेगरी में रखा जाता है. अगर कोई व्यक्ति छोटी मात्रा के दायरे में ड्रग्स का इस्तेमाल अपने लिए कर रहा है तो उसे विक्टिम यानी पीड़ित मानकर सुधार गृह भेजने का भी प्रावधान है.