तीन राज्यों में BJP की हार पर नितिन गडकरी ने किया बेबाक कमेंट, 'नेतृत्व ले जिम्मेदारी'
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तीन राज्यों में BJP की हार पर नितिन गडकरी ने किया बेबाक कमेंट, 'नेतृत्व ले जिम्मेदारी'

तीन हिंदी भाषी राज्यों में हाल में बीजेपी की हार के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि नेतृत्व को हार और विफलताओं की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. साफगोई के लिये चर्चित बीजेपी नेता ने कहा कि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बीजेपी की तीन राज्यों में हुई हार पर बयान दिया है.

पुणे: पिछले दिनों बीजेपी के नेताओं को मीडिया से बातचीत में कम बोलने की सलाह देने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस बार खुद तीन राज्यों में मिली पार्टी की हार पर बेबाकी से राय रखी है. बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके नितिन गडकरी ने कहा है कि पार्टी नेतृत्व को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. तीन हिंदी भाषी राज्यों में हाल में बीजेपी की हार के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि नेतृत्व को हार और विफलताओं की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. साफगोई के लिये चर्चित बीजेपी नेता ने कहा कि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता. 

  1. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में बीजेपी को मिली हार
  2. पहली बार बीजेपी के किसी बड़े नेता ने हार पर दिया ऐसा कमेंट
  3. नितिन गडकरी ने केंद्रीय नेतृत्व को जिम्मेदारी लेने की सलाह दी

गडकरी ने कहा, ‘सफलता के कई दावेदार होते हैं लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं होता. सफलता का श्रेय लेने के लिये लोगों में होड़ रहती है लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं.’ वह यहां पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.

'1971 में इंदिरा की जीत की तरह 2019 में मोदी की अगुवाई में बीजेपी की विजय होगी'
नितिन गडकरी ने बुधवार को 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष के प्रस्तावित ‘महागठबंधन’ का परिहास उड़ाते हुए कहा कि यह कमजोरों की एकजुटता है और नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे. गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सामूहिक विपक्ष का सामना करते हुए भी जीत हासिल की थी.

उन्होंने कहा, ‘महागठबंधन उन लोगों का गठबंधन है जो एनीमिक, कमजोर और हारे हुए हैं. ये लोग हैं जिन्होंने कभी एक दूसरे को ‘नमस्कार’ नहीं कहा, एक दूसरे को देखकर कभी मुस्कराए नहीं या एक दूसरे के साथ चाय तक नहीं पी.’

बीजेपी नेता ने कहा, ‘श्रेय मोदी और बीजेपी को जाता है कि ये पार्टियां अब दोस्त बन गयी हैं.’ गडकरी ने अपने तर्क को मजबूती प्रदान करते हुए कहा कि सपा नेता मुलायम सिंह यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती चिर प्रतिद्वंद्वी हैं.

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वरिष्ठ मंत्री ने कहा, ‘जब मैं कॉलेज में था, इंदिरा गांधी के खिलाफ बड़ा गठबंधन था. सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस (ओ) और जन संघ साथ में थे. गणित के हिसाब से तो गठबंधन के जीतने के आसार थे. लेकिन इंदिरा गांधी 1971 का चुनाव जीतीं. राजनीति में दो और दो कभी चार नहीं होते.’ उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी के बीच अंतर बहुत कम था. उन्होंने कहा, ‘विधानसभा चुनावों के परिणामों पर मत जाइए. हम लोकसभा चुनाव दोबारा जीतेंगे. हम अच्छा बहुमत हासिल करेंगे और मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे.’

बीजेपी पर अकसर निशाना साधने वाली सहयोगी शिवसेना को लेकर एक सवाल के जवाब में गडकरी ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच वैसे ही संबंध हैं जैसे उस समय थे जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. उन्होंने कहा, ‘मराठी में एक कहावत है ‘तुझे माझे जामेना, तुझ्या वाचुन करामेना’ यानी हम ना तो साथ में आते हैं और ना ही अलग हो सकते. महाराष्ट्र के हित में, मराठी भाषी जनता और देश के हित में गठबंधन हम दोनों के लिए लाभकारी है.’

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