Farmers Protest पर अमेरिका ने दिया बयान, भारत ने कैपिटल हिल दंगे से की लाल क़िला हिंसा की तुलना
Advertisement
trendingNow1842267

Farmers Protest पर अमेरिका ने दिया बयान, भारत ने कैपिटल हिल दंगे से की लाल क़िला हिंसा की तुलना

कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) पर अमेरिका (America) ने प्रतिक्रिया देते हुए कानूनों का समर्थन किया है. अमेरिका द्वारा किसान आंदोलन पर दिए गए बयान के बाद भारत ने जवाब दिया है.

जो बाइडेन और नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 72 दिनों से जारी है और कई इंटरनेशनल हस्तियों ने दुष्प्रचार की कोशिश की है, जबकि अमेरिका (America) ने प्रतिक्रिया देते हुए कानूनों का समर्थन किया है. अमेरिका द्वारा किसान आंदोलन पर दिए गए बयान के बाद भारत ने जवाब दिया है.

  1. किसानों का प्रदर्शन 72 दिनों से जारी है
  2. अमेरिका ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है
  3. अमेरिकी प्रतिक्रिया भारत ने जवाब दिया है

'भारत कर रहा विवाद सुलझाने की कोशिश'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Srivastava) ने अमेरिका के बयान पर कहा, 'अमेरिकी प्रतिक्रिया को हमने देखा है और किसी भी बयान को उसके पूर्ण परिप्रेक्ष्य में ही देखा जाना चाहिए. आप सभी ने देखा होगा कि अमेरिकी विभाग ने भारत में कृषि सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों की सही ठहराया है. जहां तक किसी भी विरोध प्रदर्शन की बात है तो भारत सरकार अभी अपनी लोकतांत्रिक मान्यताओं के आधार पर बातचीत से संबंधित किसान समूहों के साथ मिल कर सुलझाने की कोशिश कर रही है.'

ये भी पढ़ें- रिमोट से चल रहा है किसान आंदोलन? भारत को बदनाम करने की विदेशी साजिश का खुलासा

लाइव टीवी

मंत्रालय ने कैपिटल हिल हिंसा से की तुलना

अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Srivastava) ने कहा, 'भारत और अमेरिका दोनों प्रगतिशील लोकतंत्र हैं. ऐतिहासिक लाल क़िले पर हिंसा और तोड़फोड़ को लेकर भारत में वैसी भावनाएं सामने आईं, जैसे कि 6 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर हुई घटना को लेकर आई थी. इन मामलों में स्थानीय कानूनों के अनुसार निपटा जा रहा है.'

खालिस्तान को लेकर अमेरिका से मांगी मदद

इसके साथ ही भारत ने अमेरिकी न्याय विभाग को भेजा है और खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस (Sikh for Justice) के अलावा उसके अलगाववादी अभियान रिफ्रेंडम 2020 की जांच के लिए मदद मांगी है. किसान आंदोलन (Farmers Protest) के तार खालिस्तान गुटों से जुड़े होने के आरोपों को लेकर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

कृषि कानूनों और आंदोलन पर अमेरिका की प्रतिक्रिया

बता दें कि अमेरिकी प्रशासन ने गुरुवार को भारत सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन किया और कहा, 'इससे भारतीय बाजारों की उपयोगिता बढ़ेगी. अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है, जो भारत के बाजारों की उपयोगिता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को बढ़ावा देंगे.' इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने किसान आंदोलन को लेकर भी प्रतिक्रिया दी और कहा, 'विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. शांतिपूर्ण विरोध एक मजबूत लोकतंत्र की पहचान है.'

VIDEO

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news