केंद्रीय मंत्री ने CAA को बताया आज की जरूरत, असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा- क्या आपने नहीं पढ़ा कानून
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केंद्रीय मंत्री ने CAA को बताया आज की जरूरत, असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा- क्या आपने नहीं पढ़ा कानून

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बयान पर सवाल उठाया है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सीएए की आवश्यकता पर जोर दिया है.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने तालिबान (Taliban) के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान (Afghanistan) से भाग रहे सिखों और हिंदुओं के मामले को संशोधित नागरिकता कानून (CAA) से जोड़ने के लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर निशाना साधा है. ओवैसी ने सवाल किया, क्या केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी इस मुद्दे पर 'गुमराह' कर रहे हैं. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां बसे हिंदुओं और सिखों के युद्धग्रस्त देश छोड़ने के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सीएए की आवश्यकता पर जोर दिया है.

  1. ओवैसी ने CAA संबंधी बयान को लेकर पुरी पर साधा निशाना
  2. अफगानिस्तान के हालातों को देखते हुए पुरी ने CAA को बताया जरूरी
  3. ओवैसी बोले- सीएए केवल अघोषित अप्रवासियों पर लागू होता है

क्या कहा है पुरी ने?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता ने ट्वीट किया था, ‘हमारे अस्थिर पड़ोसी देश में हालिया घटनाक्रम को देखते हुए और सिख व हिंदू जिस तरह वहां कष्टप्रद समय से गुजर रहे हैं, उसे देखते हुए संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लागू करना आवश्यक है.’ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने ट्वीट कर पुरी के बयान पर सवाल उठाया. ओवैसी ने ट्वीट किया, . यह 2014 के बाद भी लागू नहीं होता है. यह उन लोगों की मदद कैसे करता है जो अब उचित वीजा के साथ भारत आ रहे हैं. क्या आपने उस कानून को नहीं पढ़ा जो आपकी सरकार ने इतनी बहादुरी के साथ बनाया है. या आप जानबूझकर गुमराह कर रहे हैं?’

भारत सरकार चला रही बड़ा अभियान

ओवैसी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैंने एक धर्म-तटस्थ कानून की मांग की थी जो वास्तव में इन शरणार्थियों की मदद कर सकता था. इस तरह के कानून से न केवल इन अल्पसंख्यकों, बल्कि उन अफगान लोगों को भी मदद मिलती जो हमारे साथ हमारे चार वाणिज्य दूतावासों और दूतावास में काम कर रहे थे.’ भारत सरकार ने पड़ोसी देश से भारतीयों, हिंदुओं और सिखों को बाहर निकालने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया है. 

CAA में शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान 

गौरतलब है कि CAA के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हुए थे. ज्यादातर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए इस विधेयक का विरोध किया था और इसके ‘साम्प्रदायिक’ प्रकृति के होने का आरोप लगाया था. सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को उनके मूल देश में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने के आधार पर नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है. भारत ने 17 अगस्त को घोषणा की थी कि वह उन अफगान नागरिकों को आपातकालीन ई-वीजा जारी करेगा जो अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए देश में आना चाहते हैं.

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