DNA ANALYSIS: 'टेबलटॉप रनवे' जहां से टेकऑफ और लैंडिंग दोनों ही मुश्किल
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DNA ANALYSIS: 'टेबलटॉप रनवे' जहां से टेकऑफ और लैंडिंग दोनों ही मुश्किल

केरल में एक बड़ा विमान हादसा हुआ है जिसमें एक भारतीय वायुसेना के रिटायर पायलट दीपक वसंत साठे सहित 16 लोगों की मौत हुई है. केरल के करीपुर एयरपोर्ट के जिस रन वे पर ये हादसा हुआ है वो एक टेबल टॉप रनवे था. ये एक ऐसा रनवे होता है जो किसी पहाड़ या पठार पर बनाया जाता है.

DNA ANALYSIS: 'टेबलटॉप रनवे' जहां से टेकऑफ और लैंडिंग दोनों ही मुश्किल

नई दिल्लीः केरल में एक बड़ा विमान हादसा हुआ है जिसमें एक भारतीय वायुसेना के रिटायर पायलट दीपक वसंत साठे सहित 16 लोगों की मौत हुई है. केरल के करीपुर एयरपोर्ट के जिस रनवे पर ये हादसा हुआ है वो एक टेबल टॉप रनवे था. ये एक ऐसा रन वे होता है जो किसी पहाड़ या पठार पर बनाया जाता है. लिहाजा एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान (Air India Express) फिसलकर खाई में गिर गया और दो टुकड़ों में बंट गया. 

भ्रम पैदा करने वाली सिचुएशन
टेबल टॉप रनवे होने से कोझिकोड एयरपोर्ट पर खतरा बहुत ज्यादा था. किसी पहाड़ी या ऊंचे स्थान पर बने रनवे बहुत खतरनाक होते हैं.क्योंकि ऐसे रनवे की शुरुआत और अंत यानी दोनों तरफ गहरी खाई होती है. इसीलिए इसे Tabletop Runway कहा जाता है. विमानों के लिए ऐसे रनवे से टेकऑफ और लैंडिंग करना दोनों ही आसान नहीं होता. ऐसे रनवे पर विमान लैंड करते समय यदि पायलट ने गणना करने में गड़बड़ी की तो हादसा होने का खतरा तेजी से बड़ जाता है. ऐसे एयरपोर्ट पर Optical Illusion की वजह से खतरा ज्यादा होता है यानी ये किसी मृग मरीचिका की तरह होते हैं. जब भी पायलट टेबल टॉप रनवे पर विमान लैंड करने की कोशिश करते हैं तब उन्हें आगे और पीछे मौजूद गहरी खाई भी रनवे के बराबर दिखाई देती है. ऐसी में भ्रम पैदा करने वाली सिचुएशन आती है जिसे बड़ी ही सूझ-बूझ के साथ हैंडल किया जाता है. टेबल टॉप रनवे पर हो रही दुर्घटनाओं की वजह है- Optical Illusion यानी दृष्टि संबंधी भ्रम.

मंगलुरू का एयरपोर्ट भी एक टेबल टॉप रनवे
कोझिकोड के इस एयरपोर्ट की तरह कर्नाटक के मंगलुरू का एयरपोर्ट भी एक टेबल टॉप रनवे है. मंगलुरू एयरपोर्ट पर 2010 में इसी तरह का विमान हादसा हुआ था जिसमें 158 लोगों की मौत हो गई थी. वो विमान भी एयर इंडिया का था और दुबई से मंगलुरू आ रहा था और मंगलुरू एयरपोर्ट पर लैंडिंग के समय ठीक इसी तरह से दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जैसे कोझिकोड़ एयरपोर्ट में हादसा हुआ था. वो विमान भी आज की तरह ही रनवे पर फिसल कर खाईं में गिर गया था और जिसके बाद उस विमान में आग लग गई थी. मंगलुरू के हादसे में विमान में सवार सिर्फ 8 लोग बचे थे. ये विमान भी इसी तरह दो हिस्सों में टूट गया था. अब आप समझ ही गए होंगे कि टेबल टॉप रनवे पर विमानों की लैंडिग करना पायलट के लिए अपनी जान जोखिम में डालने जैसा है.

विमान ने वंदे भारत मिशन के तहत उड़ान भरी थी
हम आपको इस हादसे से जुड़ी अब तक की बड़ी बातों और अपडेट्स के बारे में बताना चाहते हैं. इस विमान हादसे में कमांडर पायलट कैप्टन दीपक वसंत साठे की मौत हो गई है. कैप्टन दीपक साठे भारतीय वायुसेना के पूर्व पायलट थे. वो 2003 में वायुसेना से रिटायर हुए थे और वो पिछले 15 साल से एयर इंडिया में पायलट थे. इस विमान में 191 यात्री सवार थे. इस हादसे में विमान के पायलट समेत 11 लोगों की मौत हो गई है. ये विमान दुबई से कालीकट एयरपोर्ट आ रहा था.

विमान ने वंदे भारत मिशन के तहत उड़ान भरी थी यानी इसमें वो लोग सवार थे जो Covid 19 की वजह से दुबई में फंसे हुए थे और इन लोगों को भारत लाया जा रहा था. ये विमान वंदे भारत मिशन के तहत दुबई में फंसे भारत के लोगों को वापस ला रहा था. DGCA के मुताबिक, ये विमान रनवे पर फिसल गया और इसके दो टुकड़े हो गए. इस विमान में 174 यात्री, 10 छोटे बच्चे, 2 पायलट और पांच केबिन क्रू शामिल थे. जिस समय ये हादसा हुआ तब वहां भारी बारिश हो रही थी. लेकिन अच्छी बात ये थी कि बारिश की वजह से इस विमान में आग नहीं लगी. लेकिन खराब मौसम की वजह से केरल में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था यानी वहां बहुत भारी बारिश की आशंका जताई गई थी. लेकिन इसके बावजूद ये हादसा हो गया. ये Air India Express की फ्लाइट थी और ये बोइंग का B 737 विमान था.

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