देश पर बोझ नहीं है रक्षा बजट, 35 फीसदी खर्च होता है राष्ट्र निर्माण पर : आर्मी चीफ
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देश पर बोझ नहीं है रक्षा बजट, 35 फीसदी खर्च होता है राष्ट्र निर्माण पर : आर्मी चीफ

आर्मी चीफ ने कहा कि ऐसा सोचा जाता है कि रक्षा पर खर्च किया गया बजट देश पर बोझ है. कुछ लोग कहते हैं कि सेना पर खर्च करने से देश को कुछ नहीं मिलता, जबकि ऐसा मानना बिल्कुल ही गलत है. 

आर्मी चीफ बिपिन रावत ने रक्षा बजट को लेकर आज कई खुलासे किए

नई दिल्ली : सेना प्रमुख बिपिन रावत ने मंगलवार को देश की सैन्य शक्ति को अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सैन्य शक्ति को बढ़ावा देना भी जरूरी है. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन की सैन्य ताकत पर वहां की अर्थव्यवस्था का असर साफ दिखाई देता है. 

  1. सैन्य ताकत से मिलेगी अर्थव्यवस्था को मजबूती
  2. चीन अर्थव्यवस्था और रक्षा पर बराबर ध्यान देता है
  3. आज चीन अमेरिका को भी चुनोती दे रहा है

सेना की मजबूती से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
आर्मी चीफ ने कहा कि ऐसा सोचा जाता है कि रक्षा पर खर्च किया गया बजट देश पर बोझ है. कुछ लोग कहते हैं कि सेना पर खर्च करने से देश को कुछ नहीं मिलता, जबकि ऐसा मानना बिल्कुल ही गलत है. उन्होंने कहा कि अगर रक्षा पर खर्च बढ़ेगा तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और सैन्य सुरक्षा, दोनों एकदूसरे के पूरक हैं.

राष्ट्र निर्माण पर खर्च करती है सेना
बिपिन रावत ने रक्षा बजट का खुलासा करते हुए कहा कि ऐसा माना जाता है कि पूरा रक्षा बजट सेना पर खर्च होता है, जबकि ऐसा कतई नहीं है. सेना को मिलने वाले कुल बजट का 35 फिसदी हिस्सा राष्ट्र निर्माण के योगदान पर खर्च होता है. उन्होंने कहा कि जब सीमाओं पर आधारभूत संरचना मजबूत होती है तो हम बॉर्डर से दूर रहने वाले लोगों से जुड़ाव महसूस करते हैं. यह पूरे राष्ट्र को जोड़ने का काम करता है.

पाकिस्तान के खिलाफ अगला कदम
पाकिस्तान की हरकतों पर आर्मी चीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान सीमा पार से गतिविधियों को बढ़ाता हैं तो हमारे पास अगले लेवल पर जाने का विकल्प है. सीमा पार बैठे लोगों को हमसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी कार्रवाई में पाकिस्तान बराबर नुकसान हो.

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दिखता है चीन का असर
बिपिन रावत ने कहा कि चीन अपनी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिसा सैन्य ताकत पर खर्च करता है तो इसका साफ देखा जा सकता है. आज चीन अमेरिका को भी चुनोती दे रहा है. चीन अपनी सैन्य ताकत और अर्थव्यवस्था पर समान रूप से ध्यान देता है. इसी का नतीजा है कि आज दुनिया के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर चीन मजबूती के साथ खड़ा दिखाई देता है.

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