MY पर चोट कर अमित शाह ने चला EBC कार्ड, लालू को किया नीतीश के खिलाफ!
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MY पर चोट कर अमित शाह ने चला EBC कार्ड, लालू को किया नीतीश के खिलाफ!

Amit Shah ने कहा, 'जाति आधारित सर्वेक्षण का निर्णय उस समय लिया गया था, जब भाजपा सत्ता में थी, लेकिन जब परिणाम आया तो उन्होंने मुस्लिमों और यादवों की संख्‍या बढ़ी हुई दिखाने और ईबीसी का आंकड़ा कम दिखाने की साजिश रची. यह ईबीसी के साथ अन्याय है.'

MY पर चोट कर अमित शाह ने चला EBC कार्ड, लालू को किया नीतीश के खिलाफ!

Amit Shah Bihar Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बिहार दौरे के दौरान ऐसी बात कह दी कि जिसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल मुजफ्फरपुर में रैली को संबोधित करते हुए उन्‍होंने लालू यादव के मजबूत MY वोट बैंक पर निशाना साधा. वह सिर्फ यही नहीं रुके उन्‍होंने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए जातिगत सर्वे में जानबूझकर मुस्लिमों और यादवों की आबादी को बढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया. उन्‍होंने दावा किया कि नीतीश कुमार सहयोगी लालू यादव के दबाव में झुक गए, क्योंकि लालू प्रसाद यादव जाति से हैं और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) मुख्य रूप से मुस्लिम मतदाताओं पर भरोसा रखती है.

शुभचिंतकों ने ईबीसी को दिया धोखा

अमित शाह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सत्ता का आनंद लेने के लिए लालू प्रसाद यादव की गोद में बैठे हैं. जाति आधारित सर्वेक्षण एक दिखावा है. बिहार में केवल मुसलमानों और यादवों की बढ़ी हुई आबादी दिखाने और अति पिछले वर्ग (ईबीसी) के अधिकारों को मारने के लिए ऐसा किया गया. अमित शाह ने कहा, 'जाति आधारित सर्वेक्षण का निर्णय उस समय लिया गया था, जब भाजपा सत्ता में थी, लेकिन जब परिणाम आया तो उन्होंने मुस्लिमों और यादवों की संख्‍या बढ़ी हुई दिखाने और ईबीसी का आंकड़ा कम दिखाने की साजिश रची. यह ईबीसी के साथ अन्याय है.' उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस ने हमेशा पिछड़ी जाति के लोगों का विरोध किया और उनका बहिष्कार किया, जबकि मोदी ने उन्हें सम्मान दिया है.

अमित शाह ने कहा, 'लालू और नीतीश को बिहार के 2025 विधानसभा चुनाव के लिए सीएम चेहरे के रूप में ईबीसी उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए. जाति आधारित सर्वेक्षण के माध्यम से इन लोगों ने खुद को ईबीसी (Economically Backward Class) के शुभचिंतक के रूप में पेश किया, लेकिन मूल रूप से उन्होंने उन्हें धोखा दिया और गुमराह किया है.'

दरअसल इस बहाने अमित शाह के इस बयान को नीतीश कुमार के MY के बरक्‍स खड़े किए गए ईबीसी वोट बैंक को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. इसका ये भी अर्थ निकाला जा रहा है कि मंडल कमीशन के दौर की उपजी सियासत से जहां लालू यादव ने MY समीकरण बनाया और वहीं नीतीश ने सत्‍ता में रहते हुए इससे इतर ईबीसी वोटबैंक को जुटाया. नीतीश के बहाने लालू पर हमला कर इसी वोटबैंक को साधने की बात कही जा रही है.

मोदी सरकार में 27 ओबीसी मंत्री

अमित शाह ने कहा, 'मोदी सरकार में 35 मंत्री हैं और उनमें से 27 ओबीसी से हैं. उन्होंने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है, लेकिन जब लालू प्रसाद और कांग्रेस देश की सत्ता में थे तो उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया. मोदी सरकार ने नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और सैन्य विद्यालय में प्रवेश में पिछड़े वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया है और ईबीसी छात्रों के लिए कोई शुल्क नहीं है हमारी सरकार ने पिछड़ी जाति के लोगों को पेट्रोल पंपों, गैस एजेंसियों में 27 प्रतिशत आरक्षण और 10वीं कक्षा से पहले और उसके बाद के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति दी है.'

तेजस्वी यादव का पलटवार

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अमित शाह द्वारा लगाए गए आरोप को ‘बकवास’ करार दिया है. तेजस्वी ने आश्चर्य जताया है कि राज्य सर्वेक्षण में गलती खोजने के बावजूद केंद्र राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की घोषणा करने से क्यों कतरा रहा है. बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण से पता चलता है कि यादव की आबादी का 14 प्रतिशत हैं. यादव जाति बिहार की सबसे अधिक आबादी वाली जाति मानी जाती है. पिछले महीने जारी सर्वे के रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम 17 प्रतिशत हैं जो 2011 की जनगणना के बाद से एक प्रतिशत से भी कम वृद्धि है.
 

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