अमित शाह के ट्विटर अकाउंट पर क्‍यों लगी थी रोक? संसदीय समिति ने उठाया सवाल
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अमित शाह के ट्विटर अकाउंट पर क्‍यों लगी थी रोक? संसदीय समिति ने उठाया सवाल

ट्विटर के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में कुछ सदस्यों ने पिछले साल अमित शाह के अकाउंट पर कुछ समय के लिए रोक लगाने के मुद्दे को उठाया.

अमित शाह के ट्विटर अकाउंट पर क्‍यों लगी थी रोक? संसदीय समिति ने उठाया सवाल

नई दिल्‍ली: संसद की एक समिति के सदस्यों ने 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ट्विटर अकाउंट पर कुछ समय के लिए रोक लगाने के साथ माइक्रोब्लॉगिंग साइट द्वारा भारत का गलत नक्शा दिखाने के मुद्दे को गुरुवार को उठाया. सूत्रों ने इस बारे में बताया. सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा, सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने और डिजिटल जगत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गुरुवार को फेसबुक, ट्विटर और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं.

  1. 2020 में शाह के अकाउंट पर लगी अस्‍थायी रोक
  2. ट्विटर ने उसको तकनीकी गड़बड़ी बताया था
  3. वाट्सऐप की नई पॉलिसी पर भी समिति ने जताई चिंता

ट्विटर के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में कुछ सदस्यों ने पिछले साल शाह के अकाउंट पर कुछ समय के लिए रोक लगाने के मुद्दे को उठाया. बैठक के बाद सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इनमें अधिकतर भाजपा के सदस्य थे. भाजपा के कुछ सदस्यों ने तथ्यों की निगरानी करने के लिए ट्विटर की प्रणाली पर भी सवाल उठाए और आश्चर्य जताया कि किसी देश के गृह मंत्री के अकाउंट पर कैसे रोक लगा दी गई.

ट्विटर ने उस समय कहा था कि ‘तकनीकी गड़बड़ी’ के कारण शाह के अकाउंट पर कुछ समय के लिए रोक लगी थी और तुरंत इसमें सुधार कर लिया गया. एक सदस्य ने बताया कि कमेटी के सदस्यों ने भारतीय नक्शा का गलत चित्रण करने का भी मुद्दा उठाया.

वाट्सऐप की प्रस्तावित नई नीति को लेकर जताई चिंता
संसद की एक समिति के सदस्यों ने वाट्सऐप की निजता से जुड़ी नीति में प्रस्तावित बदलावों को लेकर चिंता प्रकट की. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित स्थायी समिति के समक्ष पेश होने वाले वाट्सऐप के प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रस्तावित बदलावों का मकसद और अधिक पारदर्शिता लाना है.

एक सदस्य के मुताबिक, समिति के कुछ सदस्यों ने कहा कि कंपनी का इस मुद्दे पर इस सवाल का जवाब देने में रुख अस्पष्ट है कि वह ऐसे बदलाव कैसे ला सकती है जो भारतीय यूसर्ज के लिए अनुकूल नहीं हैं. समिति ने फेसबुक, ट्विटर और इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ अलग से बात की.

बैठक के बाद वाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘हम संसदीय समिति का आभार प्रकट करना चाहते हैं कि उसने हमें अपने समक्ष उपस्थित होने और विचार रखने का मौका दिया. हम भविष्य में भी सम्मानीय समिति से सहयोग करने को आशान्वित हैं.’’

वाट्सऐप ने हाल ही में उपयोगकर्ताओं को ‘इन-ऐप’ अधिसूचना के जरिये इन बदलावों की सूचना दी. वाट्सऐप ने कहा कि उसके मंच का इस्तेमाल जारी रखने के लिए प्रयोगकर्ताओं को नई शर्तों तथा नीति पर आठ फरवरी तक सहमति देनी होगी.

(इनपुट: एजेंसी भाषा)

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