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महाराष्ट्र: मुकेश अंबानी के ‘एंटीलिया’ आवास के बाहर 25 फरवरी को मिली स्कॉर्पियो के मामले में ATS ने जो जवाब कोर्ट में दिया है उसके मुताबिक स्कॉर्पियो कार में जिलेटिन की छड़ों के अलावा एक चिट्ठी भी मिली थी, जिस पर सबसे नीचे जैश उल हिंद लिखा था. इसके बाद से महाराष्ट्र ATS ने क्राइम ब्रांच के समानांतर जांच शुरू कर दी थी. इसी जांच में पता चला कि स्कॉर्पियो कार किसी सैम न्यूटन नाम के शख्स की थी, जो खड़गपाडा कल्याण का रहने वाला है. साल 2018 से ये स्कॉर्पियो मनसुख हिरेन के पास थी.
मनसुख हिरेन ने बताया था कि 17 फरवरी को उनकी स्कॉर्पियो कार चोरी हो गई थी, जिसको लेकर उन्होंने विक्रोली पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज करवाया था. 26, 27 फरवरी को मनसुख को लगातार सचिन वझे ने पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके बाद भी मनसुख लगातार सचिन वझे के संपर्क में था. 28 तारीख को जांच सचिन वझे से लेकर एसीपी नितिन अलखनूरे को दे दी गई. 5 मार्च को सुबह 10 बजे रेती बन्दर खाड़ी में मनसुख का शव मिला. जांच में ये पता चला कि मनसुख का पूरा मुंह एक सिलेन्ड्रीकल मास्क से ढका हुआ था. उस मास्क के अंदर 6 रुमाल फोल्ड करके रखे गए थे.
मनसुख की पत्नी ने ATS को अपने बयान में बताया कि सचिन वझे पहले से ही मनसुख को जानता था. नवंबर 2020 से ही सचिन वझे स्कॉर्पियो कार का इस्तेमाल कर रहा था. मनसुख की पत्नी के मुताबिक सचिन वझे ने ही मनसुख से इस शर्त पर इस मामले में गिरफ्तार होने के लिए कहा था की जल्दी ही उसे छुड़वा लिया जाएगा. इसके बाद मनसुख डर गया. उसने अपने वकील से एंटीसिपेटरी बैल फाइल करने के लिए कहा था लेकिन वकील ने कहा था कि जब आपने कुछ किया ही नहीं है तो इसकी जरूरत नहीं है. 9 मुद्दों के आधार पर ATS ये दावा कर रही है कि इस मामले में सचिन वझे मुख्य आरोपी है.
सैम न्यूटन की थी कार
मनसुख हिरेन ठाणे में क्लासिक कार डेकॉर का बिजनेस करता था. सचिन वझे उसका कस्टमर था. साल 2018 में इस स्कॉर्पियो के मालिक सैम न्यूटन ने स्कॉर्पियो का कुछ काम हिरेन की दुकान से करवाया था लेकिन बिल 2,80000 रुपये हुआ था, जो सैम नहीं दे पा रहा था, जिसके बाद नवापाड़ा पुलिस स्टेशन के बीच बचाव के बाद मनसुख हिरेन ने कार को अपने पास ही रख लिया. इसके अलावा मनसुख के पास खुद की होंडा सिटी कार और 3 बाइक्स हैं. नवंबर 2020 में मनसुख ने स्कॉर्पियो कार सचिन वझे को बेच दी थी लेकिन सचिन वझे ने मनसुख को कार के पैसे नहीं दिए थे. जिसके बाद 4 फरवरी तक सचिन वझे ने इस कार का इस्तेमाल किया और फिर 5 फरवरी को अपने ड्राइवर के जरिए ये कार वापस मनसुख के पास भिजवा दी.
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