आरिफ का सारस मेल है या फीमेल? मेडिकल जांच ने सभी को चौंका दिया
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आरिफ का सारस मेल है या फीमेल? मेडिकल जांच ने सभी को चौंका दिया

Arif stork: सारस और आरिफ की दोस्ती अब सभी की जुबान पर है. दोनों ने एक साथ, कई दिन तक अच्छी दोस्ती निभाई. घायल सारस को बचाने वाले आरिफ देश ही नहीं बल्की विदेश में मशहूर हो गए हैं. खुद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरिफ से मुलाकात की थी और सारस के साथ उनकी दोस्ती का दिल को छू लेने वाला नजारा लिया था.

आरिफ का सारस मेल है या फीमेल? मेडिकल जांच ने सभी को चौंका दिया

Arif stork: सारस और आरिफ की दोस्ती अब सभी की जुबान पर है. दोनों ने एक साथ, कई दिन तक अच्छी दोस्ती निभाई. घायल सारस को बचाने वाले आरिफ देश ही नहीं बल्की विदेश में मशहूर हो गए हैं. खुद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरिफ से मुलाकात की थी और सारस के साथ उनकी दोस्ती का दिल को छू लेने वाला नजारा लिया था. अब सारस और आरिफ अलग हो चुके हैं. सारस को कानपुर चिड़ियाघर में रखा गया है. सारस की मेडिकल जांच कराई गई थी, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. आइये आपको बताते हैं इस मेडिकल जांच के बारे में.

कानपुर चिड़ियाघर (Kanpur Zoo) में रखे गए आरिफ के सारस का जेंडर पता लगाने के लिए उसके पंख मुंबई लैब में भेजे गए थे. लैब रिपोर्ट में डॉक्टरों ने बताया कि आरिफ का सारस मादा (Female) है. जेंडर पता चलने के बाद सारस को चिड़ियाघर में ही मेल सारस के साथ रखा जाएगा. जिससे कि दोनों ब्रीडिंग कर सकें और उनके प्रजाति की जनसंख्या बढ़ सके.

जानकार बताते हैं कि सारस औ गिद्ध ऐसे पक्षी हैं जिनके जेंडर के बारे में देख के नहीं बताया जा सकता. इनकी जांच होने के बाद ही इनका जेंडर पता चल सकता है. यही कारण हैं कि आरिफ के सारस की पंख मुंबई में लैब टेस्टिंग के लिए भेजी गई थी. यानी सबकुछ सही रहा था आरिफ की सारस अपना वंश आगे बढ़ा सकेगी. कानपुर चिड़ियाघर में गिनती के एक या दो मादा सारस ही हैं.

आइये आपको सारस के बारे में दिलचस्प तथ्य बताते हैं. हमारे देश के कई हिस्सों में सारस की पूजा की जाती है. इन्हें प्यार का प्रतीक भी माना जाता है. इसकी लव स्टोरी दिलचस्प है. दरअसल, सारस का बच्चा जब एक साल का हो जाता है तो माता-पिता उसे छोड़ देते हैं. वह सारसों के झुंड में जाता है. पंख फैलाना और आवाज निकालना इनकी आदत है. नर मादा सारस को लुभाता है. वे बेवफाई नहीं करते हैं. एक बार जब जोड़ी बन जाती है, यानी अगर मादा राजी हो जाती है, तो वे जीवन भर उसके साथ रहते हैं. यही वजह है कि सारस अक्सर जोड़े में देखे जाते हैं. ये झुंड से अलग होकर अपना घोंसला बनाते हैं.

ये अपना घोंसला पानी या जमीन के ऊपर ऊंचाई पर बनाते हैं. घर या कहें इलाका उनका हो जाता है. इनका रिश्ता बनाने का समय अप्रैल से जून तक है. ये आसमान की तरफ मुंह करके शोर मचाते हैं. नर और मादा अपने पंख फैलाकर रास नृत्य करते हैं. वे एक घेरे में घूमते हैं.

अन्य सारस उनके घर में दखल नहीं देते. फिर भी, अगर कोई चंचल सारस मादा के करीब आने की कोशिश करता है, तो नर उसे चुनौती देता है. कहा जाता है कि पुरुष अपनी गर्लफ्रेंड की रक्षा के लिए अपनी जान तक दे देते हैं. मादा के अण्डों से एक माह में बच्चे निकलते हैं. गोंड जनजाति के लोग सारस को पवित्र मानते हैं. कहा जाता है कि सारस जिंदगी में एक बार ही प्यार करते हैं या यूं कहें कि जोड़ी बना लेते हैं. यदि साथ टूट जाता है, तो दूसरा जीवन भर अकेला रहता है.

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